योगेश गवरी
रिंगनोद:-भागवत महापुराण कथा के अंतर्गत चतुर्थ दिवस भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव बड़े धूम धाम से मनाया गहलोत परिवार में जोरदार उत्साह।
कथा वाचक अरविंद भारद्वाज ने कहा श्री कृष्ण का जन्म उत्सव अंधकार को दूर करने के लिए मनाया जाता यह एक ऐसा प्रकाश है जो मनुष्यो को समस्त बन्धनों से मुक्त कर व्यक्ति विचार से प्रभु भक्ति में लीन करता है जिससे शांति और मन के भावों में शुद्धता बढ़ती है भक्तों का प्रभु से मिलन होता है। कथा पंडाल को केले के पत्तो,अशोक वृक्ष के पत्तो ,गुब्बारों और फूलों की माला से सजाया इसी बीच भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व उत्साह से मनाया वासुदेव के रूप में शांतिलाल गहलोत कृष्ण रूपी बालक चयन को टोकरे में उठाकर ढोल से नृत्य करते हुए कथा प्रांगण में पहुँचे इसी बीच जोरदार आतिश बाजी के साथ उपस्थित श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा से स्वागत किया पंडित भारद्वाज ने बालक कृष्ण को अपनी गोदी में उठाकर समस्त भक्तों को दर्शन करवाए वही केसर युक्त हल्दी के छापे लगाकर एक दूसरे को शुभकामनाएं दी ततपश्चात महाआरती उतारकर माखन मिश्री की प्रसादी ग्रहण करने बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए।
वही रात्रि में क्षत्रिय सर्वि समाज भगवती मण्डल के द्वारा तंदुरा भजनों की प्रस्तुतियां दी गई जिसमे युवाओ ने घुँघरू की जोड़ बांधकर जोरदार नृत्य किया।