सभी नगरों की सड़को पर आदिवासी सब्जी वाले बिना किसी सुविधा से दुकान लगाते है और उसकी उग्राणि नगर परिषद अपनी मर्जी से करती है।

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जिला कलेक्टर जांच करे अगर सड़के किस विभाग की है ।आदिवासी सब्जी बेचने वाले उस विभाग को भुगतान करे।फर्जी लोग और फर्जी विभाग रुपए लेना बंद करे।


दिलीप सिंह भूरिया 
अलीराजपुर

जिले की सभी नगर परिषद और नगर पालिका में सब्जी वाले ठेकेवाले और अन्य लोग अस्थाई दुकान लगाते है ।जिसकी वसूली नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी अपनी मर्जी से 10 रुपए 20 रुपए 30 रुपए 50 रुपए बैठक चार्ज लेते है ।जबकि कई बार कई सड़के नगर परिषद के अंदर में नही है ।कुछ सड़क नगर परिषद कुछ सड़क,राज्य सड़क विभाग की ओर कुछ सड़के राष्ट्रीय सड़क विभाग की है ।नगर परिषद की सड़को का निर्माण और उसका रख रखाव नगर परिषद या नगर पालिका करती है ।लेकिन राज्य विभाग की सड़क का और राष्ट्रीय सड़क का रख रखाव अन्य सड़क विभाग करते है ।लेकिन उन सड़को के रख रखाव का एक रुपया दिए बिना ही उस सड़क की बैठक का चार्ज नगर परिषद या नगर पालिका लेती है जो गैर कानूनी हो सकता है ।जिला कलेक्टर अलीराजपुर विधिवत इसकी जांच कराए की किस सड़क की कितनी राशि सब्जी वालो और हाथ ठेले वाले से और हाट बाजार में सब्जी और अन्य व्यापार करने वाले लोग बाजार में कितनी कितनी राशि का भुगतान अलग अलग लोगो को करते है।सर्व प्रथम नगर परिषद या नगर पालिका को दूसरा उस सड़क के सामने वाले मकान मालिक को और हाथ बाजार में दादागिरी कर जो सफाई कर्मी है जो जिस जगह सड़क की साफ सफाई निर्धारती वेतन लेकर करता है वह भी सब्जी के रूप में और रूपयो के रूप में अपनी कमाई इन अनपढ़ आदिवासियों से करते है ।लेकिन तीनो नगर परिषद और नगर पालिका परिषद में खुद को योग्य और शिक्षित और आदिवासी पार्षद और अध्यक्ष कहने वाले आदिवासी समाज का ही शोषण खुल्ले आम खुद भी और उनके अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा नगर परिषद के लोगो से करवाते है ।और उनको इस काम के बाद भी तनिक शर्म नही आती और आदिवासी आयोजनों और पार्टी की बड़ी बड़ी सभाओं में खुद को आदिवासी और आदिवादियो के हितेषी बताते बताते मंच और माइक दोनो तोड़ डाले ऐसा भाषण दे देते है और कुछ नेता और जनप्रतिनिधि तो मगरमच्छ और घलियाली आसू भी छलका देते है ।वो सिर्फ और सिर्फ वोट और शासकीय राशि में रेवड़ियां पाने की लालशा में किया गया मात्र ढोंग है बाकी और कुछ नही ।

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