नगर के जैन समाज द्वारा पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन सोमवार को भगवान महावीर का जयकारों के बीच जन्म वाचन महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर भगवान महावीर की आकर्षक अंगरचना की गई। दोपहर में कल्पसूत्र का वाचन प्रारंभ हुआ। इसके पश्चात भगवान महावीर के माता त्रिशला के गर्भ में आने से पूर्व देखे गए 14 सपनों की बोली लगाई गई, जिसमें धर्म प्रेमियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इन सभी सपनों को लाभार्थी परिवारों द्वारा उतारा गया। इसके पश्चात अक्षत उछाल कर श्रीफल वधरे कर 12:40 पर महावीर स्वामी भगवान का शुभ मुहूर्त में जन्म हुआ और ढोल थाली से स्वागत कर सभी ने सूखा नारियल चढ़ाकर खुशी मनाई। भगवान महावीर स्वामी की जन्म खुशी में समाजजनों ने एक दूसरे को केसर के छापे लगाएं तथा प्रभावना बाटी। प्रभु महावीर को झूला झूलते हुए महिलाएं मंगल गीत गा रही थी, इसके पश्चात गरबा रास खेला गया तथा भगवान की मंगल आरती उतारी गई। इस अवसर पर समाजजनों द्वारा स्वामी वात्सल्य का आयोजन भी रखा गया था।
योगेश गवरी