फर्जी पत्रकारों पर नकेल कसने के लिए फिर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने किया जारी निर्देश

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वाॅइस  ऑफ  झाबुआ

नई दिल्ली सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में फर्जी पत्रकारों को लेकर शक्ति का रूप अपनाते हुए सभी राज्य के प्रमुख सचिव के नाम पर मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी में 17 बिंदुओं के आधार पर पत्रकारों की पहचान कर जिला जनसंपर्क कार्यालय मैं नाम पंजीबद्ध किए जा सकेंगे। मंत्रालय के निर्देशित नियमों के अनुसार कोई भी अखबार मालिक किसी भी व्यक्ति को कार्ड जारी नहीं कर सकेगा जब तक कि उस समाचार पत्र के मुख्य संपादक के हस्ताक्षर पत्रकार परिचय पत्र कार्ड पर नहीं होंगे परिचय पत्र कार्ड में स्पष्ट रूप से उल्लेखित करना होगा मुख समाचार पत्र की ओर से परिचय पत्र जारी करने से पूर्व परिचय पत्र जारी करता के संदर्भ में समुचित जानकारी शासन के नियमानुसार जांचने के बाद यह परिचय पत्र जारी किया जाता है इसके अंतर्गत सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 17 बिंदु सभी राज्य के प्रमुख सचिव को भेजे परिपत्र में बताया गया है कि सही मायने में वही पत्रकार माना जाएगा की गाइड लाइन के अनुसार शासन के द्वारा निर्देशित नियमों के अंतर्गत होगा। शासन के नियमानुसार पत्रकार का व्यापार व्यवसाय क्या है वह अपनी जीविका किस साधन से चलाता है कहीं ऐसा तो नहीं अवैध रूप से कोई व्यापार में लिप्त हो या पत्रकारिता की आड़ में जिस व्यापार से जुड़ा है उसमें शासन की गाइड लाइन क्या अंतर्गत कार्य नहीं करने का कारण बनकर पत्रकारिता क्षेत्र में आकर अधिकारियों पर दबाव बना रहा है। वह अपराधी तो नहीं है पुलिस रिकॉर्ड में अगर वह अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है तो उसको कोई भी समाचार पत्र का कार्यालय अपना प्रतिनिधि नियुक्त नहीं कर सकता है।
वहीं जिले के जनसंपर्क अधिकारी उन्ही पत्रकारों को जनसपर्क की सुची में शामिल करें जो सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत हो या जिनका आरएनआई रजिस्ट्रेशन हो। जो ऑन लाईन आरएनआई की वेबसाईट पर नजर आता है। कई बार देखा गया है कोई भी सोशल साईट व यू टयूब चैनल बनाकर पत्रकार बन जाता है और डराने धमकाने और अपने अवैध कामों के लिए अधिकारियों को डराता धमकाता रहता है। जिससे धरातल पर काम करने वाले पत्रकारों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है।
कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक महोदय भी ध्यान दे
झाबुआ जिले में भी कई ऐसे फर्जी पत्रकार है जो सुबह से ही कार्यालयों के चक्कर लगाते रहते है और अपने अवैध काम या फिर अधिकारियों को ब्लैकमेल करने में लगे रहते है। ऐसे में कलेक्टर महोदया व पुलिस अधीक्षक महोदय विशेष ध्यान दे क्योंकि बिना पंजीकृत अवैध प्रत्रकार या तो दलाली में कार्यालय और थाने चैकियो के चक्कर लगा रहे है या फिर कर्मचारियों को ब्लेकमेल करने में लगे रहते है ऐसे में अपने अधीनस्थों से पंजीकृत पत्रकारों की सुची बनवाकर उन्हे ही अपनी जानकारी देने वाले गु्रों में ऐड करे ऐसे प्रत्रकारों की वजह से धरातल पर काम करने वाले पत्रकार उपेक्षित हो जाते है और ये भी ध्यान दे कई ऐसे पत्रकार भी है जो चापलुसी और दलाली कर आपकों अपना करीबी बताकर अपना हित साध सकते है। जिसकी आपकों जानकारी भी नही रहेगी।

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