शासन की जल जीवन मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले सभी परिवारों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना तथा पानी जैसी गंभीर समस्याओं से निजात दिलाने का है।जल जीवन मिशन के माध्यम से देश के सभी ग्रामीण परिवारों को पाइप लाइन के माध्यम से जोड़कर पीने का स्वच्छ जल पहुंचाना शासन का लक्ष्य है।
योजना के माध्यम से प्रत्येक घर को नल का कनेक्शन उपलब्ध करवाकर स्वच्छ जल उपलब्ध करवाना है।
लेकिन थांदला ब्लाक की ग्राम पंचायत सेमलिया (नारेला) में 251.55 (दो करोड़ इक्यावन लाख पच्छपन हजार)की लागत से बनी टंकी धूल खा रही है।या यूं कहें कि इसमें भी भारी भ्रष्टाचार हुआ। ग्रामीणों को इंतजार है कि शासन की इस करोड़ों की योजना का लाभ कब मिलेगा।और नल में जल कब मिलेगा।
निर्माण एजेंसी द्वारा ट्रायल करने के कई महीने हो चुके है।लेकिन गांव के कई घरों के नलों में पानी नहीं पहुंचा तो वहीं कई मोहल्लों में लाईन तक नहीं डाली गई।और कंपनी के कर्मचारी 1-2 मोहल्लों में पानी पहुंचाकर विडियो द्वारा अधिकारियों को बताया जा रहा है कि सभी घरों के नलों में पानी पहुंच गया है।साथ ही कंपनी द्वारा गांव के कई मोहल्लों में पाईप लाईन बिछाने के दौरान आरसीसी रोड़ भी क्षतिग्रस्त किए गए जिसका मरम्मत कार्य भी नहीं किया।और जहां मरम्मत कार्य क किया गया है वह भी घटिया जिसे रोड पुनः उखड गए ।ऐसे कई कार्य है जो अधूरे छोड़े गए हैं।लेकिन इस ओर पीएचई के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। यहां आपको बता दें कि ग्राम पंचायत सेमलिया(नारेला)में पिछले विगत वर्षों में भी नल जल की योजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ था।पानी कि टंकी बनी लेकिन वह भी सिर्फ कागजों पर। नल से जल भरती महिलाओं के फोटो कहीं ओर दूसरे गांव के लगाकर जिम्मेदारों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।और वर्तमान में प्रधानमंत्री की मुख्य योजनाओं में से एक यह नल जल योजना भी भ्रष्टाचार कि भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है।
इनका कहना है-
जहां तक पाईप लाईन बिछाई गई है सभी फलियों में पानी पहुंचने तथा ग्राम सभा में ग्रामवासियों की सहमति के बाद ही हेंडओवर लेंगे।जेरीपाडा में भी अभी तक कार्य अधुरा है।
खुशाल कटारा
सचिव ग्राम पंचायत सेमलिया
ठेकेदार द्वारा अभी तक कार्य पूर्ण नहीं किया गया और कई परिवारों के अभी तक कनेक्शन नहीं किए गए।
सोकली भुरु मैडा सरपंच