@Voice ऑफ झाबुआ
सुना है सहायक आयुक्त गणेश भाबर के आते ही छात्रावास अधीक्षकों के बच्चे भूखे मरने की नौबत आ गई है… और अब ये बच्चों के मुंह का निवाला नही छिन पा रहे है क्योंकि सहायक आयुक्त के रूप में गणेश भाबर जो आ गए है क्योंकि पीछले कार्यकाल में पोल पटटी भाबर सब जानते है कि किस तरह से छात्रावास अधीक्षक बच्चों का मुंह का निवाला छिन अपने बच्चों को पालते है… बच्चों के साबुन से लेकर खाने का सामना तक इनके घरों में आसानी से मिल सकता है और भाबर साहब को इन पर और लगाम कसने की आवष्यकता है क्योकि सालो से एक ही जगह मठाधीश बन बैठे अधीक्षक अब इतने शातिर हो चुके है कि कागजों में ऐसी हेरा फेरी करते है कि किसी को समझ भी न आए।
सुना है जिले में अलीराजपुर से कोई सप्लायर आ रहा है जिसे अलीराजपुर जिले के उच्च अधीक्षकारी भेज रहे है और छात्रावास अधीक्षकों से भी इनकी सेटिंग हो चुकी है… सारा काम वो ही करेगा… वहीं ये भी सुना है एक बाद फिर क्रिकेट प्रतियोगीता होने वाली है… और उस प्रतियोगिता में फिर से सप्लायर ही खेलने के लिए किट या युं कहे पजामा और टीशर्ट देने वाले है और इस ऐवज में अधीकारियों से अधीक्षकों की टोली उन सप्लायरों की भेंटे करवाएगी… और खुब नैन मटका भी चलेगा… क्योंकि जनचर्चा है कि यहां अधीक्षक खेलने नही प्यार के गुल खिलाने के लिए आयेगे… ये बच्चों को अच्छी षिक्षा देने की बजाय प्यार के गुर सिखाते है… ऐसे एक जगह की बात नही है जिले के हर ब्लाॅक में प्रेम के पुजारी मिल ही जायेंगे…। ऐसे में ये उल्टी सीधी शिक्षा अधीक्षक ही देेते है… खैैर अब अधीक्षकों के बच्चें भूखे नही मरेंगे… आंखों के चश्में भी नही उतरेंगे… लेकिन भाबर साहब से जनता की आस एक एक बार इन पर लगाम कस इन्हे इधर उधर करें ताकि इनके काले कारनामें तो उजागर हो सके।