थांदला आज जहां शिक्षा व्यापार बन चुका है। वही किसी शासकीय विद्यालय में किसी शिक्षक के विदाई समारोह में उस विद्यालय की छात्राएं भावुक हो जाए। ऒर आँसुओ को रोकने से भी ना रुके तो हम क्या कहेंगे। यही ना कि उस टीचर ने अपना अमूल्य योगदान उस विद्यालय को दिया है। इस संस्था को गौरवान्वित किया है। यही गौरव श्री विठ्ठल करमदीया सर ने दिलाया है। झाबुआ जिले की थांदला तहसील की कन्या शिक्षा परिसर को। विठ्ठल करमदीया सर 2017 से थांदला कन्या आवासीय विद्यालय में कक्षा 9,10,11 को गणित और भौतिक शास्त्र विषय पढ़ाया करते थे। जो बुधवार को सेवानिवृत्त हुए। शिक्षक करमदीया सर का विदाई समारोह मोरझरी स्थित आवासीय कन्या परिसर पर रखा गया था। आयोजन की सभी गतिविधियों की समाप्ति के बाद जब शिक्षक विठ्ठल करमदीया विद्यालय स्टॉफ ओर छात्राओं से अपने घर के लिए विदा ले रहे थे। तब सैकड़ो छात्राऐ भावुक होकर जोर जोर से रोने लगी। इस दृश्य ने सबको भावुक कर दिया।
आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले शायद यह पहली बार हुआ है।
समझा जा सकता है। इस सम्मान के योग्य बनने के लिए किसी इंसान को कितना विनम्र रहना ओर मेहनत करना पड़ी होगी। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को इसे एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत कर अन्य शिक्षकों को भी प्रोत्साहित करना चाहीये।