शास्त्र परंपरा की महापरीक्षा में प्रथम बार उत्तीर्ण हुई २ महिलाएँ

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परीक्षा का आयोजन करने वाली संस्था दत्त देवस्थान अहमदनगर द्वारा संचालित वेदशास्त्रपरिरक्षण परिषद् है। गत २०१३ से परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। न्याय, वेदान्त, व्याकरण, मीमांसा तथा गणित इन विषयों में परीक्षा का आयोजन गुरु के सान्निध्य में पूर्णकालिक रूप से शास्त्र पढ़ने वाले छात्र-छात्राएँ परीक्षा देते है । परीक्षा का आयोजन प्रति छह माह में होता है। हर एक विषय में ऐसी १४ षाण्मासिक परीक्षाएँ देना आवश्यक है। परीक्षा लेखन तथा मौखिक दोनों प्रकार की होती है। योग्यता के अनुसार अलग-अलग स्तर पर न्याय में १९ ग्रंथ, व्याकरण में ८, मीमांसा में ९, वेदांत में १२ तथा गणित में १३ ग्रंथों का गुरु परम्परा से अध्ययन होता है। एक छात्र पूर्णकाल पढ़कर एक या दो विषयों को पढ़ सकता है। इन १४ षाण्मासिक परीक्षाओं में उत्तीर्ण होनेवाले छात्र, पूर्व नियोजन के अनुसार शृंगेरी के जगद्गुरु शंकराचार्य छात्रों की अंतिम परीक्षा लेते हैं। अतः इसे महापरीक्षा कहा जाता है। यह महापरीक्षा केवल मौखिक रूप से ही होती है।
इस परीक्षा का आयोजन आगस्ट २०२२ के दिनांक १६ तथा १७ को शृंगेरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री विधुशेखर भारतीजी के दिव्य सान्निध्य में सुसम्पन्न हुआ।
महापरीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का संक्षिप्त परिचय निम्नलिखित है –

1️⃣विदुषी कल्याणी तन्मय हर्डीकर, माशेल-गोवा निवासी ने वाग्वर्द्धिनी पाठशाला, काणकोण के पण्डित दत्तभार्गव टेंग्सेजी के पास समग्र न्यायशास्त्र का अध्ययन किया है।

2️⃣विदुषी ॠतुजा बाळकृष्ण कुलकर्णी, परभणी-महाराष्ट्र निवासी ने श्रीविद्या पाठशाला, रिवण गोवा में न्यायशास्त्र का संपूर्ण अध्ययन ६ वर्षों में पूर्ण किया।
आधुनिक इतिहास में न्यायशास्त्र को समग्र रूप से पढ़ने वाली तथा महापरीक्षा उत्तीर्ण करने वाली प्रथम दोनों महिलाएँ है।

3️⃣इसी उपक्रम में विद्वान् सुब्रह्मण्य मंजुनाथ होळ्ळा, उडुपी- कर्णाटक निवासी ने श्रीविद्या पाठशाला, रिवण गोवा में न्यायशास्त्र का संपूर्ण अध्ययन ६ वर्षों में पूर्ण किया। महापरीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्वान् हैं।

4️⃣विद्वान् प्रियव्रत देवदत्त पाटील, रिवण-गोवा निवासी ने श्रीविद्या पाठशाला, रिवण गोवा में व्याकरणशास्त्र का अध्ययन स्वर्गीय मोहनलाल शर्माजी के पास किया। महापरीक्षा में इन्हें अत्युत्तम श्रेणी प्राप्त हुई।

महापरीक्षा के बाद छात्रों के परिश्रम को देखकर जगद्गुरु शंकराचार्य जी ने संतोष व्यक्त किया। प्रथम परीक्षा देने का अवसर प्राप्त महिलाओं का भी उन्होने अभिनंदन किया। परीक्षा आयोजन करनेवाली संस्था दत्त देवस्थान के प्रधान विश्वस्त श्री संजय क्षीरसागर जी परीक्षाकाल में श्रृंगेरी में उपस्थित थे। संस्था के संस्थापक गुरुदेव क्षीरसागर महाराजजी के जन्मदिन के पावन अवसरपर अगले फरवरी महिने में इन छात्रोें को विधिवत् स्नातकपत्र देकर सम्मानित किया जायेगा I

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