वाॅइस ऑफ झाबुआ निकलेश डामोर
अब क्या कहें स्वास्थ्य विभाग को… यहां तो परत दर परत भ्रष्टाचार के पन्ने खुलते ही जा रहे है। कभी वाहनों में हेराफेरी तो कभी दवाई खरीदी के… तो कभी कर्मचारियों के अटैचमेंट के… और ये सारे भ्रष्टाचार के खेल लक्ष्मीयंत्रों की चाह में कागजों में कालागोरा होने में देर नही लगती… और इन्ही लक्ष्मीयंत्रों की चाह में सीएमएचओ साहब ने कई ऐसे कमाउ पुत्रों को अटैच कर रखा है कि वो यहां कुर्सियों पर बोझ बन बैठें है।
सुत्रों की मानें तो सीएमएचओ कार्यालय में बैठा विजय मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ मिल सरकारी आवासों का ऐसा खेल खेल रहा है। यहां पात्र और प्राथमिकता रखने वाले आवेदकों को आवास नही मिल रहा है और जो अपात्र है या फिर यूं कहें जो लीगल प्रोसेस भी नही कर रहे है सुना है वोे विजय गणावा के पास लक्ष्मी यंत्रों से भरा मोटा लिफाफा लेकर जाते है और उन्हे सारे नियम कायदें ताक में रख सरकारी आवास आवंटित कर देता है। दबी जुबां से लोग कहते नजर आ रहे है ये विजय सरकारी आवासों को अपने खुद की प्रापर्टी समझ बैठा है और आवास आवंटन कमेटी का नाम बदनाम कर रहा है। सुत्रों की माने में अपने दुसरे कार्यालय में बैठ ये खुब अपनी प्रियषियों से गुटरगु करता रहता है… दोनों कार्यालयों में ये घंटों बंद कमरों में न जाने क्या चर्चा करता है…।
सीएमएचओ साहब के कमाउ पुत्र द्वारा जारी किए गए आवास के दस्तावेजों में कमेटी के अन्य सदस्यों के तो हस्ताक्षर ही नही है। ऐसे में लक्ष्मीयंत्र लेकर ये जो आवास आवंटित करता है उनमें कुछ हिस्सा इसका और कुछ साहब का भी होता है… लक्ष्मी यंत्र नही लेंगे तो प्रियषी कैसे मेन्टेन होगी… ये हम नही कर रहे है ये नगर की आम चर्चा है… बडी बात ये है कि प्रोसेस अनुसार जो राषि सरकार को भरी जानी चाहिए वो भी ये नही भरते है जिससे सरकार को सीधे तौर पर ये चुना लगा रहे है।
इनकेभ्रष्टाचार का एक उदाहर हम बताते है राणापुर में स्टाफ नर्स का सरकारी भवन अलाट हुआ था जिस पर एक चपरासी और संविदा कर्मचारी ने कब्जा कर रखा है जिन कर्मचारीयो ने भवन पर अपना कब्जा जमा रखा है उनका पैसा आज तक नही कट रहा ये कर्मचारियो पर बाबु विजय की मेहरबानी है जिससे सरकार को चुना लगा रहे और बाबू की अटैची भर रहे है।
पैसा नही दीया तो नही मिलेगा सरकारी भवन
वहीं जानकारी अनुसार एक कर्मचारी द्वारा भी सरकारी भवन के लिए वर्ष भर पूर्व से आवेदन कर दिया गया था लेकिन स्वास्थ विभाग के बाबू को लक्ष्मीपुजा नही करवाने के कारण उस कर्मचारी को नही दिया सरकारी भवन अब देखना है ऐसे बाबु पर कलेक्टर साहब क्या करवाई करते है या ऐसे ही चलता रहेगा स्वास्थ विभाग मै माया का खेल।
नेताजी आने वाले हे चुनाव
अगर नेता ही ऐसे भ्रष्टो की पेरवी करने लगे तो विजय जैसे भ्रष्टों के हौसलें बुलंद होंगे है… नेताजी से कहना चाहुंगा नेताजी आप कही से भी विजय को लेकर आयें हो… गलत है तो है… अटैच होकर जो ये भ्रष्टाचार की गाथा लिख रहा है कहीं उसमें आपका हिस्सा तो नही अगर हिस्सा न भी हो तो… आपके कारनामों में कहीं ये सहयोगी तो नही… नेताजी पेरवी करना छोड दो आपके भी खुब रेले है… और चुनाव भी आने वाले हैं कही ऐसा न हो पोल खुल जाये और चुनाव में मुंह काला करना पडते… इसलिए ऐसे भ्रष्टों की पेरवी करना छोडो…. जो सरकार के साथ धोखा कर रहा है उनका साथ देना कहां तक उचित है आपकों तो कार्रवाई की मांग करनी चाहिए मांग कर लो नही तो पोल खुलना तय है… चुनाव आने वाले है…!