2 किलोमीटर पेदल चल कपड़े की झोली में शव लेकर आए परिजन अस्पताल

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@वॉइस   ऑफ   झाबुआ

झाबुआ के मेघनगर में मानवता हुई शर्मसार,कल हुए एक हादसे में परिजनों व पुत्र ने पिता के शव को कपडे की झोली में डाल 2 किलोमीटर पैदल चल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया,मेघनगर सरकारी अस्पताल ने शव वाहन होने के बाद भी नही हुआ शव वाहन का इंतजाम, मेघनगर रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस की चपेट में आ जाने से मेघनगर निवासी पुरुषोत्तम नागर की हुई रेल दुर्घटना में मृत्यु, वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने शव वाहन का संचालन मेघनगर रोटरी क्लब अपना को दे रखा, 2 घंटे लंबे इंतजार के बाद भी नहीं मिला शव वाहन!सूत्रों की माने तो मृतक के परिजन कालू डिस्क वाले ने रोटरी क्लब के संचालक भरत मिस्त्री को फोन लगाया था लेकिन ड्राइवर नहीं होने की बात कही गई । शव वाहन वेसे तो स्वास्थ्य विभाग का है लेकिन उसे संचालित रोटरी क्लब करती है.. शासन की योजना केसे लोगों तक नही पहुँचती ये स्वास्थ्य विभाग के लिए तमाचा है….! जिसे ज़िम्मेदार अपनी लापरवाही के लिए मार रहे है जिसका ख़ामियाज़ा आम नागरिक को भुगतना पड़ता है.. क्या ये लापरवाही के ज़िम्मेदार मेघनगर बीएमओ विनोद नायक नही है क्या? अब देखना यह है ज़िला प्रशासन आख़िर करता क्या है.. इससे पता चलता है बीएमओ साहब अपने कर्तव्य के प्रति कितने कर्तव्यनिष्ठ है..! आज प्रभारी मंत्री झाबुआ दोरे पर है ऐसे में लापरवाही बरतने वाले के ख़िलाफ़ कारवाई होगी या फिर इतिश्री कर दी जाएगी!

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