कई अपराधों में सलिप्त फरु और उसकी गेंग में शानू सद्दाम, मुख्तियार भी शामिल..!

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@वॉइस   ऑफ   झाबुआ

थांदला नगरी में सट्टे का माया जाल कुछ ऐसा फेला हुआ है की आप सोच भी नहीं सकते.. सूत्रों की माने तो यहाँ फरु लाला नाम का सटोरिया है.. जो आदतन अपराधी हैं और उस पर कई मामले दर्ज भी हुवे थे.. जिला बदर की करवाई भी हो चुकी है.. गत वर्ष भी जिला बदर की कारवाई होनी थी मगर ऐसी सेटिंग हुई की पुलिस फरु पर मेहरबान हो गई और दे दी उसे छुट अवेध धंधे करने की… जिसमें सट्टे जुवे के आलावा नशीले प्रदार्थों की है जिसकी लत में पड़ कर युवा आज काल के गाल में समाते जा रहे है.. लेकिन इसकी किसी को भी फिकर नहीं है.. यहाँ तो बस इतना है राम नाम जपना पराया माल अपना.. की तर्ज पर काम हो रहा है…!
अब पुलिस भी क्या करें ऐसे अपराधियों को नेता जो सरक्षण जो देते है उन्हें क्या मतलब उन्हें तो गाँधी छापो से मतलब है… फरु की गेंग के दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा मामला दबने हो वाला था मगर थांदला के कुछ जागरूक लोगो ने इस मामले को उथया और इस सम्बन्ध में एसडीओपी सर को अवगत करवाया और एसडीओपी साहब ने इस मामले को संज्ञान में लिया और थाना प्रभारी को जाच करते हुवे कारवाई करने के निर्देश दिए जिसके बाद पूछताछ के दोरान पता चला इस सट्टा गेंग के पीछे फरु लाला है… जिसके बाद सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया… सूत्रों की माने तो इन अपराधियों को बचाने के लिए विधायक साहब ने भी अपनी नेतागिरी लगाई यहाँ तक की इन अपराधियों को बचने के लिए पुलिस अधीक्षक को भी इन अपराधियों को छोड़ने के लिए फोन तक लगा डाला… वाह नेता जी वाह.. इन अपराधियों की वजह से लोगों के घर बर्बाद हो रहे है वो नजर नहीं आ रहा है नेताजी.. तो चले हो इन अपराधियों को बचने… और इस ही वजह से थांदला में फरु लाला का सट्टे का काला कारोबार बंद नहीं हुआ जो आज भी चालु हैं…!
जो इन नम्बरों पर चल रहा है … ९१७९३३१२५५ , ७२४७२०२१७५ जो गोवर्धन के नाम से चलते है.. इस नम्बर पर सट्टा उतरवाने का कोड वर्ड है राजा जो सट्टे के नम्बर उतरवाने से पहले इस कोड वर्ड का इस्तेमाल करेगा वो ही इस नबर पर सत्ता उतरवा सकता है … इस गेंग का मुखिया फरु है और सद्दाम , शानू, भोला , सोरभ इसके साथी है जिन्होंने थान्दला में अलग अलग अड्डे बना रखे है जहा से ये कला कारोबार चल रहा है, जिसकी थांदला पुलिस को जानकारी भी बही मगर निचले स्तर के कर्मी इन्हें पहले ही सूचना दे देते हैं… कुछ दिनों पहले पकडे गये फरु के गुर्गों को जब पकड़ा था तब इन्ही निचले स्तर के कर्मियों ने पहले ये सूचना डी की कोई संधिग्द घूम रहे थे उन्हें पकड़ा है जब रहवासियों ने विरोध जताया तब बताया की ये सट्टाले रहे थे… फरु का दूसरा कारोबार है नसे का जिसे मुख्तियार संभालता है… इसकी भी जानकारी पुलिस को मगर क्या करे पहले ही इन्हें पता चल जाता है…. अब पुलिस अधीक्षक से ही थादला की जनता को आस है को वो ही इस अपराधी फरु पर नकेल कसेंगे…!

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