@वाॅइस ऑफ झाबुआ अंकित चोहान
ये देखो इस भू माफिया को जो समाजसेवी का चोला ओढ थांदला में जमकर सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहा है…और सरकारी जमीनों कब्जा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है… सुना है इस माफिया को एक अखबार ने सम्मानित भी किया…अब क्या करें धंधेबाज अखबारों को तो धंधा चाहिए तो फिर चाहे वो माफिया हो या फिर दलाल सम्मान करने में इन्हे कोई हर्ज नही… ऐसे अखबार के मार्केटिंग वाले ऐसे ही माफियाओ को ढूंढते है और समाजसेवी बना देते है।सुना है इस माफिया ने थांदला की एक बेशकिमती शासकीय भूमि पर कब्जा किए है… जिसकी शिकायत लक्ष्मण राठौड़ ने इसकी शिकायत 181सीएम हेल्पलाइन पर की जिसकी जांच करने तहसीलदार और पटवारी ने मौका मुआयना कर रोड सरकारी जगह पर पाया गया जिसे तोड़ने के आदेश तहसीलदार द्वारा दिए गए और उसके पश्चात हर बार की तरह तहसीलदार शक्ति सिंह चौहान द्वारा उन्हें अपनी शिकायत वापस लेने को कहा गया और लक्ष्मण राठौर द्वारा यह सोचा की तहसीलदार साहब ने तोड़ने के आदेश पटवारी साहब को दे ही दिए हैं तो मैं अपनी शिकायत वापस खिंचवा लेता हूं उसके पश्चात 2 से 3 दिन हो जाने के बाद भी वहां पर तहसीलदार द्वारा रोड तोड़ा नहीं गया तब लक्ष्मण राठौड़ तहसील कार्यालय में पहुंचे और तहसीलदार साहब से पूछा गया कि सर अभी तक वहां पर रोड नहीं तोड़ा गया तो तहसीलदार साहब कहते हैं कि अभी हमने उन्हें नोटिस दिया है और उनसे जवाब मांगा है अभी तक उनका जवाब नहीं आया है जब तहसीलदार साहब द्वारा तोड़ने के आदेश पारित कर 181 शिकायत वापस खिंचवाई गई तो उसका मुख्य कारण क्या है जो तहसीलदार साहब द्वारा हर बार जमीन के मामले में 181 शिकायत वापस खिंचवा ली जाती है जिसे देख लक्ष्मण राठौर एसडीएम साहब के पास पहुंचे और उन्होंने तहसीलदार द्वारा की गई करतूत बताई गई तो एसडीएम साहब द्वारा उन्हें कहा गया कि तहसीलदार ने अगर आपकी 181 शिकायत वापस खिंचवाई है तो आप उसे वापस से शिकायत दर्ज कर दीजिए इस शिकायत को दर्ज करवाए 6 महीने बीत जाने के बाद तहसीलदार की नींद खुली थी अब वापस से 181 शिकायत करने पर सालों निकल जाने के बाद भी हमें नहीं लगता के तहसीलदार साहब इस पर कोई कार्रवाई करेंगे तहसीलदार साहब नोटों की चकाचौंध में भू माफियाओं पर कार्रवाई करने में असमर्थ दिखाई देते हैं अगले अंक में हम करेंगे पूरा खुलासा किस प्रकार से इस जगह का सोदा हुआ और इस जमीन की वास्तविक समस्या क्या है।