@Voice ऑफ झाबुआ
भानुदय हुआ है तो…अब बदलाव की जरूरत हैं…और ये भानुदय तब होगा… जब कार्यकारिणी का गठन नए सिरे से होगा…क्योंकि भानु का रथ गिराने में अभी से कई लोग लगे हुए है…इसलिए भानु को भी बडी सोच समझ कर फूंक फुंक कर कदम रखना होगा…नही तो भाजपा ही भानु को बलि का बकरा बना सकती है…ऐसे में 30 दिनों बाद चुनावी वर्ष प्रारंभ होने जा रहा है… और कई लोग विधानसभा चुनाव में अपना दाव आजमानें की कोशिश जरूर करेंगे….ये भाई साब युग नही है ये भैया युग है…और इस युग को सालों तक लोग याद करें ऐसा कुछ करना है…मगर उसकें पहले कुछ एक को छोड भानु को पुरी की पुरी भाजपा कार्यकारिणी बदलनी होगी… कुछ एक जो है जो भाजपा को समर्पित है… लेकिन कुछ दलाली, उगाही… करने में लगे हुए थे… अब देखों युवाओं की टोली बनी है उसका मुखिया भी हाथी और कार्यकारिणी भी हाथी…अब इनकों थोडी दुर भाजपा के झंडे तोक चलने कहो तो इनकों नी चलाय… अब ये चिन्दी चोर की तरह युवाओं की टोली का आका काम करता है…. आंगनवाडी, सट्टे वाले…. सेल्समेन और यहां तक बहार गाडी लेजाने के नाम पर डिजल भी बेच खाता है… अब भानुदय हुआ है तो जिले… मंडल… कमंडल… सारी की सारी कार्यकारिणी कुछ एक हो छोड बदलनी जरूरी है… वैसे भी इस कार्यकारिणी पर रूपये देकर पद लेने के कई आरोप लगे है खैर अब से कितने सच है वो ही बतायें… मगर भानु के रास्ते में भाजपाई ही कांटे बिछा रहे है है उन्हे भानु की बनने की खुशी तक नही है… कईयों ने तो भानु को भाजपा जिलाध्यक्ष बनने की बधाई तक नही दी ये गलियारों की चर्चा है… पर भानु भई विधानसभा चुनाव है… ऐसे में तीनों विधानसभा को दामोदार आपके कंधें पर है… और खुद को भी चुनाव लडना है…. ऐसे में भाजपा मेरी मां हैं कहने वालों को तो बनानाईज मत… ये ही सबसे पहले भीतरघात करते है… और अपनी लाईन लम्बी करने पर उस मां को भी बेचने में नही छुकते… फिर मिलते है….! मगर हां साजिशे चालु हो गई है रथ गिराने की अब कितना संभलों आप ही जानों… क्योंकि आस पास जो घुम रिये है… वों क्यों है आपके साथ… सोचो….. वो साजिशे क्या है… थोडा आस पास नजर मारों… जो मुंह मिठे है वो खंजर न घोप दे…