शिवराज के राज में किसान हो रहे परेशान
यूरिया खाद के लिए क्यों उतरना पड़ा किसानों को चक्का जाम करने
अधिकारी कहते पर्याप्त है खाद फिर किसान क्यों नहीं मिल रहा खाद ,
बालुसिंह बारिया
सरदारपुर मध्यप्रदेश शासन किसानों को पर्याप्त खाद देने के लिए काफी जोर लगा रही जिनके बाद भी राजगढ़ कुक्षी नाका खाद वेयरहाउस खाद लेने के लिए सुबह से खड़े होने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिलने पर किसानों ने कुक्षी राजगढ़ मार्ग पर चक्का जाम किया , करीब 1 घंटे बाद सरदारपुर तहसीलदार आते हैं और किसानों से चर्चा की आपको निश्चित ही खाद दिया आप धरना से उड़ जाए जिन के बाद किसानों ने चक्का जाम समापन किया जिस स्थिति को देखा जाए तो आज भी किसान खाद के लिए दर-दर भटकते नजर आ रहे हैं एव दिनभर किसानों को खड़ा रहना पड़ता है जिस के बाद खाली हाथ लौटना पड़ता किसानों को हम आपको बता दें कि सरदारपुर क्षेत्र में एक बार फिर से यूरिया खाद की कमी बन गई है जिस कारण किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रहा है। खाद के लिए लोग सुबह से सरकारी खाद गोदाम वितरण केंद्र पर आकर लाइन में लग रहे हैं लेकिन किसानों को कई घंटों तक लाइन लगने के बाद भी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इससे चिंतित किसानों टोकन लेकर खड़े दिखाई दिए लेकिन टोकन पर खाद देने कि तारीख नहीं होने से किसान के सेहरे मायूस दिखाई दे रहा है खाद्य गोदाम के बाहर यूरिया लेने वाले किसानों की दिनभर भीड़ लगी रही। मगर किसानों को पर्याप्त यूरिया नहीं मिल पाया। जबकि पर्याप्त यूरिया खाद होने के बाबजूद भी।निजी दुकानदारों ने यूरिया खाद किया स्टॉक गेहूं की बिजाई हुए लगभग एक महीना हो चुका है। गेहूं बढ़ने के साथ ही उसमें पहली सिंचाई किसानों ने शुरू कर दी है। पहली सिंचाई में किसान गेहूं की फसल में यूरिया खाद का छिड़काव करते हैं, लेकिन किसानों को खाद सरकारी दुकानों पर नाम मात्र मिल रहा है व न ही प्राइवेट दुकानों पर यूरिया खाद मिल रहा है। किसानों के अनुसार यूरिया खाद विक्रेताओं ने यूरिया खाद को महंगे भाव में बेचने के लिए स्टॉक कर रखा है। अगर कोई किसान निर्धारित रेट से ज्यादा रेट में यूरिया खाद खरीदता है तो उसको आसानी से यूरिया खाद मिल जाता है। जिससे किसान को दोहरी मार पड़ रही है। सरकार व प्रशासन को यूरिया खाद का स्टॉक करने वाले दुकानदारों पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। प्रशासन ने यूरिया खाद बेचने वाले निजी दुकानदारों पर अभी तक स्टॉक के बारे में कोई जानकारी नहीं ली है। चक्का जाम के दौरान किसान मोहन सिंह परमार भागीरथ मेडा, राम सिंह भाबर , फुल सिंह व सैकड़ों किसान लोग उपस्थित थे।