ओवरलोड डंपरों से रात दिन आ रही अवैध रूप से रेत

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@अविनाश गिरी थांदला

थांदला में अवैध रेत का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है बिना रॉयलेटी की गाडियां भर भर के दिन हो या रात रेत माफिया नगर में रेत का भंडार कर रहे हे l नगर में रेत माफिया की गिनती आए दिन बढ़ती जा रही हे साथ ही 45 से 50 टन तक डंपरों में बिल्डिग मटेरियल वालों के यहां पर अपनी रेत खाली करते आसानी से नजर आ जाएंगे परंतु नाही पुलिस प्रशासन का इस और ध्यान जाता हे नाही अनुविभागीय अधिकारी तहसीलदार या आरटीओ यह सब विभाग आंखें मूंदे रेत माफियाओं को खुली छूट क्यों दे रहे हैं क्या रेत माफियाओ के साथ साथगाठ कर रखी हे किया इन प्रशासनिक अधिकारियों की इनपर करवाई ना होना प्रशासनिक अधिकारियों पर सवाल खड़ा करते नजर आ रहा हे बता दे की रेत उत्खनन पर परदेश के मुखिया शिवराज सीग चौहान ने रोक लगा रखी है परंतु ये सब प्रशासनिक अधिकारी शिवराज जी की खा सुने वालो में से है यहां के मुखिया तो यही हे जो भी काम होता हे सब इन प्रशासनिक अधिकारियों से दबे छुपे तो हो ही नही सकता ये तो साफ दिख रहा हे तभी तो इन रेत माफियाओं को खुली छूट मिली दिख रही हे l वही कल रात की बात है रात 8: राष्ट्रीय धरोहर दीप मालिका पर एक ओवरलोड पहले वाले ने टक्कर मारी जिससे दीप मालिका का कुछ हिस्सा जर्जर हो गया वहां पर एक क्लीनिक संचालित डॉक्टर उस दुर्घटना में मरते मरते बचा परंतु पुलिस प्रशासन अब भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है इसका मतलब पुलिस प्रशासन को नगर की जनता की जान की कोई चिंता नजर नहीं आ रही है कब होगी अवैध रूप से चलने वाले ट्रायोडर्म पर्व पर कार्रवाई अधिकतर रेट डंपर सुबह-सुबह नेचुरल गोल्ड तोल कांटे पर अपना कांटा करवाते आसानी से नजर आ रही है पर पुलिस प्रशासन आंखें मूंदे सब दिख रहा है

किस तरह से और कहा से लाते हे रेत रेत माफिया किस प्रकार चलती हे सेटिग

थांदला में इन गाड़ियों के टायरों की स्थिति अभी बहुत ही खराब होने के बावजूद भी ट्रक डंपर संचालित इन पर ध्यान नहीं देते साथ ही इन गाड़ियों पर आगे नंबर लिखे होते हैं परंतु पीछे साइड से इनकी नंबर प्लेट गायब होती है यदि इनके द्वारा कहीं पर भी एक्सीडेंट होता है या कुछ भी दुर्घटना घटित होती है तो पीछे वाले उनके नंबर भी नोट नहीं कर पाए इस प्रकार से इनका कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है
कई रेत माफिया अपने ट्रालो,डंपरों को यह से भर गुजारा के बडौली के आसपास भेजते हे फिर बाडोली से रेत बिना रॉयल्टी के भर कर लाते हे व्हासे भर के लाने में आरटीओ से स्टिग करी होती है इनकी भाषा में हर गाड़ी की इंट्री पहले से इनके पास होती है जो की ट्रलो,डंपरों वाले सेठ आरटीओ को अपनी गाड़ियों के नबर दे रखते है जिस वजह से इनकी गाडियां गुजरात से आसानी से एमपी में आजाती है साथ ही अवर लोड रेत भर कर आने में एमपी में इंटर होने के लिए ये गावो में से हो कर अपने वाहन लाते हे साथ ही आप को भी बता दे की प्रधान मंत्री के योजनाके तहत जो रोड बनते हे इन ओवरलोड गाड़ियों के चलते जल्दी खराब होते नजर आ रहे हैं परंतु प्रशासनिक अधिकारी किसी प्रकार का भी इन पर रोक नहीं लगा पा रही है वही एमपीआरडीसी हो या कोई सा विभाग रोड बनाता है उनकी मियाद ज्यादा टाइम तक इन अवर लोड वाहनों की वजह से नहीं चल पाती इसका उदाहरण है थांदला नगर के पास में बना बाईपास पर जो पुल बना हुआ है वहां पर आज की हालत में रोड खराब होता नजर आ रहा है और साथ ही पुल में से इन ओवरलोड वाहनों की वजह से शरीर तक बाहर आ गए हैं इन अवर लूडो वाहनों पर रोक लगाना अनिवार्य है इससे सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है और सरकार को नुकसान पहुंचाने वाले व्यापारी नहीं यह प्रशासनिक अधिकारी बन रहे हैं जो इनकी निगरानी में सब कुछ गैर कानूनी कार्य चलते आ रहे हैं और सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होना आवश्यक हे परंतु जब बांसी पोला हो तो इन पर कार्रवाई करेगा कौन बेखौफ प्रशासनिक अधिकारी और भू माफिया रेत माफिया शराब माफिया चोर उचक्के सभी बिंदास होकर अपना कार्य बखूबी निभा रहे हैं परंतु प्रशासनिक अधिकारी अपने कार्यों को समझ ही नहीं पा रहे हैं l

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