ट्राइबल विभाग की तरफ से संभागीय स्तरीय कबड्डी खेल के लिए बच्चों को ले जाया जा रहा है जबकि जिम्मेदारों को इसकी सूचना 15 दिन पहले ही मिल चुकी थी और इनके लिए ट्राइबल विभाग से फंड भी दिया जाता है लेकिन लापरवाही कहें या आदिवासी समाज के बच्चे खेल क्षेत्र में आगे नहीं बढ़े इसलिए भेदभाव किया जा रहा है, बच्चों के लिए रिजर्वेशन करवाया जा सकता था, उन्हें भेड़ बकरियों की तरह भर के अचानक क्यों ले जाया जा रहा है सुबह उतरकर जबलपुर में इन बच्चों को कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेना है, क्या इस तरह भेड़ बकरीयों की तरह यात्रा कर सुबह यह बच्चे अपना अच्छा परफॉर्मेंस दे पाएंगे यह भी एक सोचने वाली भी सही है क्या अलीराजपुर के जिम्मेदार इन बच्चों की प्रतिभाओं को कुचलने का काम कर रहे हैं, कलेक्टर महोदय तत्काल में जिम्मेदार सस्पेंड होना चाहिए आदिवासी समाज में यह तस्वीर देखकर आक्रोश उत्पन्न होना जायज है। प्राप्त जानकारी अनुसार पिकेश वर्मा को जिम्मेदारी दी गई थी।