असामाजिक तत्वों का जिले भर में हो रहा है जमावड़ा देखो वहां असामाजिक तत्व फिजा का माहौल बिगाड़ने के लिए कर रहे हैं साजिशें, ऐसी
ही एक घटना पेटलावद में गाय गोरी के दिन देखने को मिली थी जिसमें चलती हुई लड़कियों पर एक मनचले युवक ने रस्सी बम फेक करके छेड़ने की थी कोशिश जिस घटना के बाद सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश देखकर पुलिस ने ताबड़तोड़ युवकों की धड़ पकड़ कर सलाखों के पीछे विडियो बनाने वाले से लेकर साथ देने वाले तक को डाल दिया गया था ऐसा ही नजारा आतिशबाजी के दौरान झाबुआ के लक्ष्मी बाई मार्ग में भी फिजा के माहौल को बिगाड़ने के लिए कुछ मनचले व असामाजिक तत्व दुसरो के घर के आंगन में जाकर आतिशबाजी कर माहौल की फिजा बिगडने की कोशिश करने में दीपावली के समय भी लगे थे मामला मौखिक में झाबुआ थाने तक भी पहुंचा था लेकिन असामाजिक तत्व मनचले युवकों को जो नशेड़ी, सटोरिया जुआरियों की पकड़ भी पुलिस ने मौखिक रूप उस दिन की थी, लेकिन एक पार्षद ने मदद कर उन्हें छुड़वाने में भी एक अहम भूमिका निभाई थी उक्त पार्षद ने भी इसमें अपने हाथ इन असामाजिक तत्व को छुड़ाकर के खराब किए, बताते हैं यह असामाजिक तत्व के युवक दूसरों के घर के वहां जाकर के जानबूझकर आतिशबाजी कर फिजा के माहौल को बिगाड़ने के लिए पुरी कोशिश में लगे हुए हैं पुलिस को चाहिए कि इस प्रकार के असामाजिक तत्वों पर पहले से ही घटना के पहले अपनी पैनी नजर रख इन शरारती तत्व पर नजर गड़ाए बैठे नहीं तो यह असामाजिक तत्व माहौल में रंग में भंग डालने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ेंगे, ओर
पुलिस हाथ पर हाथ धरे कहीं बेटी ना हो जाए इसके लिए हमने पुलिस के पहले से ही आज छोटी दिवाली का माहौल में रंग में भंग न डाल दे असामाजिक तत्वों पर नजर गड़ाए बैठे, नहीं तो फिर पुलिस कहेगी कि हमें तो पता ही नहीं था पुलिस को चाहिए कि इन शरारती तत्वों को पहली नजर एक्शन कार्रवाई करना चाहिए।
इस प्रकार घट चुकी है घटना मौखिक थाने तक
दीपावली की रात एवं दीपावली के एक दिन बाद गोरधन पूजा के दिन सुबह 9.30 बजे से करीब 3 घंटे से अधिक समय तक लक्ष्मी बाई मार्ग जिसे लोग राठौर मोहल्ला या तेलीवाड़े मोहल्ले के नाम से विख्यात है, उस दिन शरारती तत्वों ने रात में एक व्यक्ति की छत पर तो दिन में एक दुसरे के उपर पटाखे फैंककर दुसरे लोगो के घरों के सामने जमकर उत्पाद मचाया। बताते है कि शिकायत व पुलिस को सोशल मीडिया पर वायरल कुछ वीडियो मिलने पर कुछ शरारती तत्वों को थाने बुलाकर समझाइश देकर छोड़ दिया था, शायद यही वजह है कि इन शरारती और इसमें शामिल असामाजिक तत्वों में पुलिस का खौफ नहीं है जिसके चलते आज शुक्रवार देव दीपावली को किसी बड़ी साज़िश रचने की चर्चाएं लोगों की दबि जुबान से तेलीवाड़े मोहल्ले में सुनी जा रही है। जबकि
पुलिस द्वारा हर बार शांति समिति की बैठक में त्यौहारों को सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाए जाने की बात कही जाती है लेकिन ऐसे तत्व सौहार्दपूर्ण वातावरण बिगाड़ने के साथ नगर की छवि को भी दागदार करने में कोई कसर बाकी नहीं रखते है।
अब देखना यह है कि झाबुआ पुलिस की नजर उठ रहे धुएं पर रहती है या आग लगने के बाद वह नजरे दौड़ाएगी..? यह तो समय के बाद ही पता चल पाएगा।