रासोत्सव में मग्न होकर झूमे भक्तगण, हुआ गोदान ओर अन्नकूट का भी आयोजन कबीर-कबीर क्या करते हो जाओ यमुना के तीर पर एक गोपी के प्रेम में बहते करोडों कबीर- पं.श्रीहरि शुक्ला। रासोत्सव में मग्न होकर झूमे भक्तगण हुआ 

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रासोत्सव में मग्न होकर झूमे भक्तगण, हुआ गोदान ओर अन्नकूट का भी आयोजन

कबीर-कबीर क्या करते हो जाओ यमुना के तीर पर एक गोपी के प्रेम में बहते करोडों कबीर- पं.श्रीहरि शुक्ला।

रासोत्सव में मग्न होकर झूमे भक्तगण हुआ 

 पेटलावद ।नंदोत्सव के साथ कथा का पांचवा दिन उत्साह के साथ प्रारंभ हुआ।चारो ओर आनंद मन रहा है। इस समय नंद बाबा ने दान दिया है। और उन्होंने बताया कि कलयुग में दान ही एक वस्तु है जो भगवान तक पहुंचाता है। मनुष्य को चिंता नहीं प्रभु का चिंतन करें। उक्त बात पं. श्रीहरि शुक्ला ने गुरूद्वारा में चल रही भागवत कथा के पांचवे दिन कही।

भगवान की मां का वर्णन करते हुए बताया कि कृष्ण की मां वह बन सकती है जो दूसरो को यश प्रदान करें। भगवान वो होते है जो करने योग्य है वह तो करे और जो कोई नहीं कर सकता वह करे वहीं ईश्वर होते है।

 रासोत्सव का आयोजन

कथा के मध्य भाग में रासोत्सव का वर्णन आया जहां भगवान की रासलीला का वर्णन करते हुए बताया कि यह ये संसार भगवान का रास है। हम सब के अंदर वह बैठे है। रास के द्वारा कामनाओं का दमन होता है। भगवान ने 3 करोड गोपीयों के साथ मिलकर रास लीला करी और उनकी कामनाओं का हरण किया। इस रासलीला में भगवान शिव भी आये। आज के समय में हम रासलीला को गलत अर्थो में लेते है। द्रोपदी जैसी स्त्री अपनी लाज बचाने के लिए किसी गुंडे को तो नहीं बुलाती है वह कृष्ण को बुलाती है। कृष्ण ने जो भी लीला की वह किसी उद्ेश्य को लेकर की गई।कबीर ने स्वयं कहा है कि ‘‘ कबीर कबीर क्या करते हो जाओ यमुना के तीर एक एक गोपी में प्रेम में करोडों कबीर बहते है। 

इस दरम्यान इंदौर से आए रास कलाकारों के द्वारा राधा कृष्ण बन कर प्रस्तुति दी गई। 

 अन्नकूट महोत्सव।

कथा के विश्राम के समय अन्नकूट महोत्सव का आयोजन रखा गया जिसमें महिलाओं ने अपने घरों से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बना कर लाई व भगवान को नेवेद्य लगाया। अन्नकूट महोत्सव के महत्व बताते हुए पं.श्रीहरि शुक्ला ने कहा कि यह हमारे भाव को व्यक्त करने का माध्यम है।

 गौ दान हुआ।

गाय के महत्व को बताते हुए कहा कि गाय का दान व उसकी सेवा के बिना भागवत अधूरी है। गाय के महत्व को बताते हुए कहा इसकी सेवा से कृष्ण प्रसन्न होते है। भागवत के दरम्यान 5 गायों का दान गो शाला में किया गया। इसके साथ ही सैकडों भक्तों ने गोशाला में पहुंचकर गौ माता को गुड धुल्ली खिलाया साथ ही हरि घास व हरि सब्जीयां खिलायी।

 सर्व ब्राम्हण समाज ने महाप्रसादी का लाभ लिया।

इस मौके पर अन्नकूट महोत्सव पर सर्व ब्राम्हण समाज ने महाप्रसादी का लाभ लिया। सर्व ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष विनोद पुरोहित ने कहा कि भागवत के यह अनुपम ग्रंथ का वाचन गुरूदेव के चरणों में बैठ कर सुन कर पेटलावद नगर की जनता धन्य हुई है। नगर की जनसंख्या हजारों है पर जो पुण्यशाली है वहीं कथा अमृत का रसपान कर पा रहे है। 

 

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