उदयगढ़ –
4 दिसम्बर को आदिवासियों के रॉबिनहुड कहे जाने वाले अमरशहीद क्रांतिकारी टंट्या भील का शहादत दिवस मनाया गया । जिसमे सर्वप्रथम टंट्या भील तथा बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी उसके बाद टंट्या भील अमर रहे के नारे लगाए गए तथा उनके द्वारा समाज हित मे किये गए कार्यों से उपस्थित लोगों को अवगत कराया।जननायक टंट्या भील आदिवासियों के मसीहा थे देश में आजादी की पहली लड़ाई यानी 1857 के विद्रोह में जिन अनेक देशभक्तों ने कुर्बानियां दी थी, उन्हीं में से एक मुख्य नाम टंट्या भील का भी है जो अंग्रेजों से लोहा लेने वाले तथा अंग्रेजों को लूटकर गरीबो में माल बाट दिया करते थे आदिवासियों के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य अतुलनीय हैं।
ये थे उपस्थित
इस मौके पर भीलसेना संगठन के अध्यक्ष धर्मेन्द्र अजनार, विरेन्द्र वसुनिया, विकाश अजनार, संजय बामनिया, संजय भाबर, सरदार भाबर, शोहन अजनार, विजय अजनार, बबित अजनार , रेमसिंह अजनार आदि उपस्थित थे ।