डूब प्रभावित मुआवजा विसंगतियों को लेकर किसानों आंदोलनका गांधीवादी
माही परियोजना में डूबे 12 गांव के किसानों ने नहरों पर लगाई रोक, अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे
वॉइस ऑफ झाबुआ
माही परियोजना के कारण विशेष रूप से पेटलावद विकासखंड के किसानों के लिए हरित क्रांति का ऐसा बीजारोपण हुआ है। जिसमें कंकड़ व पत्थरीली भूमि में भी पूरे वर्ष हरियाली छाई रहती है। परंतु इस परियोजना के कारण कई किसान अपने घर, कृषि भूमि और परिवार सहित बेदखल हुए है
माही डेम झाबुआ मध्यप्रदेश
दिनांक 11 11 2022 को धरना प्रदर्शन का आठवां दिन है हम लोग शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे इस बीच तहसीलदार व रायपुरिया टीआई की राजकुमार कुमार कुंसारिया आए और विभाग के लोग आकर जबरदस्ती गेट खोलने रूम के अंदर गए हमारे द्वारा पूछे जाने पर हम लोग को बताया कि लाइन चेक कर रहे हैं जब हमें पता चला कि गेट खोल रहे हैं और महिलाओं ने विरोध किया तो महिलाओं को बाल पकड़कर मारी रायपुरिया पुलिस के थानेदार व तहसीलदार जगदीश चंद्र वर्मा दोनों ने हमारा विरोध किया गया है और हमारे साथ जबरदस्ती की गई है हम लोग शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे तहसीलदार जगदीश चंद्र वर्मा व रायपुरिया थाना प्रभारी दोनों ने रूम के अंदर विरोध करने वाली महिलाओं को बाल पकड़कर मारी और नीचे गिरा गिरा कर मारी इन दोनों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए दोनों के नाम की एफआईआर की जाय
महिला लीलाबाई लच्छू बाई माली बाई नंदू भाई इन महिलाओं के साथ जबरदस्ती की गई यहां पर कोई महिला पुलिस नहीं थी