आदिवासियों को वोट बैंक समझते है राजनेता ।
जिले में रोजगार है ही नही जिसकी वजह से होता है पलायन ।
भाजपा कांग्रेस आजादी से लेकर अब तक नही दे पाए स्थाई रोजगार ।
जनता किसी अन्य पार्टी और ईमानदार राजनेताओं का इंतजार कर रही है ।
दिलीप सिंह भूरिया
जिले में आज़ादी से लेकर अब तक भाजपा कांग्रेस आदिवासियों के लिए अलीराजपुर जिले में स्थाई रोजगार नहीं दे सकी नतीजन हर साल लाखों की तादाद में आदिवासी समाज के बेरोजगार महिला पुरुष और युवा गुजरात राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मजदूरी और अन्य काम करने को मजबूर है आज़ादी से लेकर आज तक कांग्रेस जेसी राजनेतिक पार्टी और उनके सांसद विधायक और जनप्रतिनिधि और कुर्ता छाप नेता ,उसी प्रकार भाजपा के सांसद विधायक और जनप्रतिनिधि और कुर्ता छाप नेता स्थाई रोजगार की उपलब्धता जिले के किसी भी गांव में उपलब्ध नहीं करवा पाए जिससे आदिवासी समाज का पलायन होना लाजमी है। यहां की जमीन उपजाऊ है लेकिन पानी और सिंचाई तथा बिजली की आवश्यकता की पूर्ति कोई भी राजनेतिक पार्टी और नेता नही कर पाए जिसकी वजह से आदिवासी समाज के लोग घरों में बेकार बैठने से गुजरात मजदूरी करने को मजबूर है वैसे ही आदिवासी समुदाय के लोग मेहनती और ईमानदार होते है जिनको गुजरात में महाराष्ट्र और राजस्थान में उद्योग और कृषि कार्यों और भवन निर्माण के कामों के में उसका उपयोग किया जाता है ।मध्यप्रदेश की राज्य शासन भी मनरेगा जेसी योजनाओं में किसी भी परिवार को जॉब कार्ड के अनुसार 100 दिनो की मजदूरी आजतक नहीं दे पाई जिसकी वजह से भी रोजगार नहीं होने से पलायन और मनरेगा जेसी आधारभूत योजनाओं में भी जिले के राजनेता अधिकारी और कर्मचारी और जमीनी स्तर पर जनपद पंचायत के सदस्य जिला पंचायत के सदस्य और सरपंच के साथ सचिव व सहायक सचिव और कुछ जनप्रतिनिधियों की मिली भगत से लोगो की मजदूरी भी अन्य किसी भी व्यक्तियों के खाते में डाल कर उसका भी ऑनलाइन जेसी भुगतान सुविधाओ के जरिए कर लिया जाता है ।जिले में ऐसे कई ऑनलाइन और सुविधाए फर्जी तरीके से लोगो की मजदूरी पर इन नेताओ और जनप्रतिनिधियों की मिली भगत से राशि आहरण बिना किसी खातेदार और बिना किसी की अनुमति से आहरण कर सरपंच सचिव जनपद सदस्य और जिले के जिला पंचायत सदस्यों के और भाजपा कांग्रेस के राजनेताओं और कुर्ता छाप नेताओ के इशारों पर हो रहा है ।और उनका साथ जिले के हर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी की भी इसमें 100% सहभागिता है ।जिनकी भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी लोगो को संरक्षण देने की प्रवृत्ति ने ही जिले में रोजगार के अवसर समाप्त करने में भाजपा कांग्रेस के राजनेताओं और जनप्रतिंनी धियो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी तिजारिया भरकर आदिवासी समाज को बेरोजगार और आदिवासी समाज की आर्थिक स्थिति को बरबाद कर उनको मजदूरी और पलायन करने के लिए जानबूझकर और सोची समझी राजनेतिक पार्टियों की साजिश है ।