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शिक्षक विहीन स्कूल… इस ‘हाई स्कूल’ में पढ़ाई नही, बच्चो को दी जा रही गंदगी साफ करने की ट्रेनिंग – स्कूल के हाल बेहाल, जिम्मेदार प्रभारी प्राचार्य बिना सूचना स्कूल से रहता है गायब !! अथिति शिक्षको के भरोसे ‘हाई स्कूल’

रिपोर्टर-सुनील खोड़े

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पेटलावद । सरकार शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर छात्र-छात्राओं अच्छी शिक्षा देने का भरपूर प्रयास कर रही है, खासकर पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में कई योजनाएं ओर अभियान चलाकर छात्र-छात्राओं को शिक्षा के प्रति प्रेरित किया जा रहा है… जिले में अब तक हजारों साइकिलों का वितरण भी किया जा चुका है। लेकिन सरकार और शासन के सपनों को चूर-चूर करने का काम लापरवाह शिक्षक कर रहे है। जिसका ताजा मामला शासकीय हाई स्कूल बोडायता से सामने आया है।

बच्चे कर रहे गंदगी साफ, वीडियो वायरल

शासकीय हाई स्कूल बोडायता का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें स्कूली बच्चे स्कूल के बाहर मौजूद गंदगी को साफ कर रहे हैं और झाड़ियां काटते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि बच्चे स्कूल में पढ़ाई करने के लिए जाते हैं लेकिन इस हाई स्कूल में बच्चों से गंदगी साफ करवाई जा रही है। स्थानीय जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को कितना बखूबी से निभा रहे हैं यह इस वीडियो से साफ प्रतीत हो रहा है।

बिना सूचना प्रभारी प्राचार्य स्कूल से गायब

शासकीय हाई स्कूल बोडायता में प्रभारी प्राचार्य के रूप में पुष्पेंद्र पाटीदार को नियुक्त किया गया है। किंतु शिक्षक पुष्पेंद्र पाटीदार अपनी मनमानी पूर्वक स्कूल में ड्यूटी निभा रहे हैं, अपनी मनमर्जी अनुसार वह छुट्टी पर चले जाते हैं। जिसकी कोई सूचना स्कूल में या फिर वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं होती है। पूर्व में भी सारंगी संकुल केंद्र के प्राचार्य नितिन परमार द्वारा शिक्षक पुष्पेंद्र पाटीदार पर कार्रवाई की जा चुकी है। हाल ही में जब हमारी टीम मौके पर पहुंची तब भी शिक्षक पुष्पेंद्र पाटीदार बिना सूचना स्कूल से गायब थे और जब उनसे इस बात पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं संकुल केंद्र सारंगी के प्राचार्य नितिन परमार के साथ था लेकिन शिक्षक पुष्पेंद्र पाटीदार कि इस झूठी मनगढ़ंत कहानी को प्राचार्य नितिन परमार ने सिरे से खारिज कर दिया।

अतिथि शिक्षकों के भरोसे हाई स्कूल –

हाई स्कूल बोडायता में कुल 118 बच्चे दर्ज है। और इन बच्चों की जिम्मेदारी 6 अतिथि शिक्षकों पर है। माना जा सकता है कि हाई स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही चल रहा है। क्योंकि जिन्हें प्राचार्य का प्रभार दिया गया, वह भी स्कूल में ना के बराबर दिखाई देते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में रहने वाले गरीब बच्चे शासकीय स्कूलों पर निर्भर होकर किसी तरह अपनी पढ़ाई को पूरा कर रहे हैं। किंतु मोटी तनख्वाह पाने वाले गैर जिम्मेदार शिक्षक इन गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में कतई पीछे नही है।

कितना सच कितना झूठ ?

मामले में प्रभारी प्राचार्य पुष्पेंद्र पाटीदार से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि वीडियो के संबंध में मुझे कोई जानकारी नही है, ओर में आज छुट्टी पर हु जिसकी जानकारी मेने संकुल प्राचार्य नितिन परमार को दे दी थी। ओर में उनके साथ ही था।

पूरे मामले को लेकर जब हमारे द्वारा सारंगी संकुल केंद्र के प्राचार्य नितिन परमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिक्षक पुष्पेंद्र पाटीदार झूठ बोल रहे हैं। वह मेरे साथ नहीं थे ना ही उन्होंने मुझे छुट्टी के संबंध में कोई सूचना दी थी। पूर्व में भी स्कूल में वह अनुपस्थित पाए गए थे जिस पर हमने कार्रवाई की थी।

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