@Voice ऑफ झाबुआ @Voice ऑफ झाबुआ
सुना है नगर पालिका,परिषद के चुनाव आ गए है और वार्ड आरक्षण होते ही बरसाती मेंढकों की तरह नेता भी बाहर आ रहे है और कुर्ते पेजामें भी प्रेस करवा लिए है…इस बार झाबुआ, थांदला,पेटलावद और राणापुर के चुनाव बडे ही रोचक होंगे…
और खुब रूपयों की मोह माया चलेगी…ये बरसाती मेंढक चुनाव लडने टरर…… टरर… करने लगे है। तो भियां आप लोगों को बता दु की….इस बार जनता जागरूक है…ये लोगों के अपने संबंधों का चुनाव है इसमें पार्टी के चिन्ह मायने नही रखते है…सिर्फ संबंध ही काम आते है….बडी बात तो यह है कि सीधा चुनाव है पार्षद ही अध्यक्ष चुनेंगें….और अध्यक्ष की दौड में दर्जन भर प्रेसबंद नेता चर्चा करते नजर आ रहे है मगर इस बार कोई भी मुगालते न पाले। चाहे झाबुआ, थांदला, पेटलावद या फिर रानापुर हो….इस बार अच्छे अच्छों के कुर्ते पेंजामों पर सल आ जाने वाले है।
मुगालते भी दुर होने वाले है क्योकी… किसी ने लुगाईयों पर दिमाग लगाया….तो किसी ने जनता को लुटने में…कोई सरकारी संपत्ती बेच खाये तो कोई जनता को बेवकुफ बनाने में लगे रहे?अब क्या कहें इन नेताओं का कोई तो 5 साल जनता के बीच से गायब रहने के बाद अब निकल पडेगे जनता से वोटो की भीख मांगेगे… मगर इस बार के समीकरण बडे अलग है… कईयों के मुगालते दुर हो जायेगे इस चुनाव में… ।अब जनता समझने लगी है और आपसी संबंधों को चुनाव तो है मगर इस बार संबंध भी काम नही आयेगे काम आयेगा तो सिर्फ विकास…और कुछ नही…।कई तो फेसबुकिया नेता है तो फेस बुक पर ज्ञान पेल पेल के अब चुनाव में उतरेंगे…कईयों ने तो सोशल मीडिया पर अंडशंड पोस्टे भी की अब उन पोस्टों का जवाब भी मिलेगा…जो जरूर जनता देगी…..!