प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जो माफियाओं पर नकेल कसने की मंचों से घोषणा करते आ रहे है और ईमानदार सरकारी मुलाजिम कार्रवाई भी कर रहे है मगर थांदला के तहसीलदार साहब भू माफिया मुफज्जल पर बडे मेहरबान है।जबकि मुफज्जल ने जिस जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है वो जमीन जांच के दौरान सरकारी पाई गई है। मगर लगता है थांदला तहसीलदार साहब प्रदेष के मुखिया शिवराजसिंह चौहान को भी कुछ नही समझ रहे है तभी तो कई माह बित जाने के बाद भी उन्हे कार्रवाई की फुर्सत ही नही मिल पा रही है। शिकायत कर्ता अविनाश गिरी द्वारा कई बार तहसीलदार साहब से संपर्क किया कभी तो वो फोन नही उठाते है तो कभी उन्हे जेसीबी नही मिलती है और कभी चुनाव का हवाला दे देते है सुत्र तो ये बताते है कि साहब मुफज्जल को समय दे रहे है ताकि वो अपने आप को बचा सके और सुत्र तो ये भी बताते है कि तहलीदार साहब को लक्ष्मी यंत्रों की भरमार प्राप्ती हुई है। इस वजह से आज दिनांक इस अवैध कब्जे पर बुल्डोजर नही चल पाया है जबकि सारे दस्तावेज चीख चीख कर कह रहे है उक्त भूमि पर अवैध कब्जा है।सुत्रों का तो ये कहना है कि इस अवैध कब्जे की तरह एक और मुफज्जल ने कब्जा कर रखा है वो भी शासकीय भूमि है और इनको सरंक्षण देने में भाजपा का ही हाथ है जो हम अगले अंक में बतायेंगे… सुत्रों का तो यह भी कहना है कि कोई दलाल अजय शुक्ला है जिसने इस सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की रणनिती बनाई और सौदेबाजी की ये दलाल अजय सिर्फ सरकारी भूमियों पर नजर रखता है और सरकारी मुलाजिमों के साथ सेंटिंग कर सारा खेल चलता है इसमें सरकारी मुलाजिंम, भाजपा नेता, दलाल अजय और मुफज्जल शामिल है इस सौदें में जमकर शराब शबाब और कबाब का दौर चला। शबाब के नाम पर खुल कर हनियां परोसी गई इसी वजह से कोई कार्रवाई नही हुई। लक्ष्मी यंत्र तो एक मोह है हनी से तो इन्हे जन्नत मिल रही है। पर क्या करें मुफज्जल के पास खुब पैसा है और कहां से आ रहा ये पता नही। बडी बात तो यह है कि अजय दलाल के पास तो लाईसेंस नही है फिर क्या…… बाकि अगले अंक में…!