पेटलावद. शहर में आवारा कहे या पालतू लेकिन इस तरह मुख्य मार्गो पर मवेशियों का जमावड़ा दिनभर देखने को मिलता है। ट्रैफीक का अधिक दबाव होने से लोगो और मवेशियों की जान को भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। दिनभर मवेशियों का झुंड चौराहों पर दिखाई देता है। मवेशियों के इस झुंड से राहगीर,दुकानदार,किसान इतने परेशान है की उनकी पीड़ा को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां कोई देखने सुनने वाला है भी या नही है। दअरसल मवेशियों के इन झुंडों के चौराहे पर इस तरह से बैठने से दुर्घटना का कितना भय रहता होगा चौराहे से गुजरने वाले चारो मार्ग पर स्थित दुकानदार इन मवेशियों के मलमूत्र की गंदगी से बेहद परेशान हो चुके है। पुराना बस स्टैंड, गांधी चौक, थांदला रोड, बदनावर मार्ग इन्हीं स्थानों पर सड़को पर बेखोफ बैठने से महसूस किया जा सकता है कि रात के समय इन मवेशियों के अलावा चौराहे पर दूसरा कोई मौजूद नही रहता होगा ? सड़क पर बैठे इन बेखोफ मवेशी की वजह से किसी के साथ हादसा हुवा तो जिम्मेदार को जवाब देना भारी पड़ेगा। शनिवार को भी गांधी चौक चौराहे पर मवेशी की वाहन चपेट में आने से पैर में गंभीर चोट आई जिसे नागरिकों ने इलाज के बाद गौशाला में छुड़वाया, लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार इस और कोई ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है पशु मालिक भी मवेशियों को खुले में छोड़ देते हैं जिससे उनके साथ कई बार हादसे घटित हो चुके हैं।