Voice ऑफ झाबुआ
एक तरफ सरकार हर समाज हर तबके के लिए नई योजना ला रही है वही झाबुआ जिले में आदिवासी समाज को सरेआम लुटा जा रहा है यहां इसी समाज के नेता अधिकारी इन लूट पर मोन् क्यो है ….
ऐसा ही एक मामला है कल सिविल अस्पताल थांदला में जिन बच्चों के जो पुराने जन्म प्रमाण पत्र थे उनके एक प्रमाण पत्र का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए सो ₹100 लिए जा रहे थे ।
जिसकी जानकारी मिलते ही एक संगठन के पदाधिकारी लगी तो उसने कंप्यूटर ऑपरेटर से जाकर बात करी कि आप किस बात के पैसे लेते हो तो कंप्यूटर ऑपरेटर हड़बड़ा उठा
और कहता है जिसकी मर्जी पैसे दे तो ठीक नहीं दे तो भी ठीक।
लेकिन उसने एक प्रमाण पत्र के ₹100 , 100 रुपए लिए। हमने यह भी पूछा पैसे देने का आदेश है क्या आपके पास तो वह कहते हैं रजिस्ट्रेशन के ₹25 लगते हैं लेकिन हम सो रुपए ले रहे हैं ,।
क्यों लेते हो गरीब आदिवासी समाज के लोगों से पैसे , आप उनसे 100 मांगोगे या 500 मांगोगे तो भी वह भोला भाला व्यक्ति आपको देगा लेकिन उसे यह पता नहीं है कि यह काम फ्री होता है…/
आप सब जागरूक बने जन्म प्रमाण पत्र के पैसे नहीं लगाते, अगर पैसे लेता भी है तो आप प्रशासन को अवगत कराएं।।।