जल ही जीवन है…. ये स्लोगन हर दिवारों पर मिल जायेगा… मगर इस पर कौन अमल करता है… ये कुछ कह नही सकते…. मगर जल सेवा ही सबसे बडी सेवा है… जो समझ सकता है वो ही समझ सकता है… इसलिए मुर्तुजा भाई समझ ही नही पाए… कि सेवा क्या होती है… गर्मी का मौसम है… और अप्रैल महिना चल रहा है… गर्मी अपने शबाब पर है… और इस तपती गर्मी में राहगिरों के कंठों की प्यास बुझ जाये… इससे बडी सेवा कोई नही है… ऐसी ही सेवा तुलसी गली के कुछ युवा… अलग अलग जगह पर प्याउ लगाकर करते है… वहीं इन युवाओ ने बोहरा मस्जिद के समीप भी लोगों की प्यास बुझाने के लिए प्याउ लगाया… ये युवा अपने ही खर्च पर कुल 6 जगह पर पानी के प्याउ लगाते है… ये प्याउ कुछ ही माह के लिए लगाया जाता है… और इन प्याउ से आने जाने वाले राहगिरों को काफी राहत मिलती है…. मगर नेशनल पेट्रोल पंप वाले के बडे बेटे मुर्तुजा को ये बात रास नही आई… और उन्होने प्याउ हटाने का कह दिया… युवाओं ने कुछ दिनों के प्याउ रहने देने के लिए निवेदन भी किया… मगर मुर्तुजा भाई को ये सेवा गवारा ना थी… उन्होने फिर आकर विवाद किया ये प्याउ यहां से हटा लेना नही हो ये मटके फोड दुंगा… अब ये बताओ… की कौन सा ये युवा ये थोडी सी जगह को हत्या लेेंगे… या फिर कोई कब्जा कर दुकान लगा लेगें… सिर्फ दो महिने की सेवा ही तो कर रहे है… अब तुम्हारे समझ से परे ये सेवा है… तो फोड दो मटके… लोगों का कहना है कि इनके पेट्रोल पंपो की अगर सुक्ष्मता से जांच करवाई जाये तो दुध का दुध और पानी का पानी हो जायेगा… इतने ईमानदार है तो सरकारी स्लीपों पर डिजल देना होता है… उसमें परसेंट के हिसाब से गोलमाल क्यों करते हो…. लोगों में चर्चा है कि ये लोगों को सादे की बजाय सुपर देकर कंपनी में अपनी वाह वाही लुटते है… और पर्चीयों पर कमीषन का ऐसा खेल खेलते है… कि ब्याज से ज्यादा होता है… और ऐसी काली कमाई की गर्मी से ये लोगों को दादागिरी दिखाते है… बडे शर्म की बात तो यह है कि एक प्याउ को हटाने के लिए झाबुआ थाने पर इन्होने दो युवाओं के खिलाफ झुठी शिकायत की… झाबुआ की जनता से वाॅइस ऑफ झाबुआ पुछना चाहता है… कि क्या लोगों की प्यास बुझाने के लिए…. प्याउ लगाना गुनाह है… जिसका खामियाजा युवाओं को पुलिस की चोखट पर चुकाना होगा… झाबुआ की जनता से आव्हान करते है… इस झुठी शिकायत के खिलाफ आवाज उठाये… और ऐसे लोगों के खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई की मांग करे ताकि कभी ऐसी सेवा के आड न आ सके।