पेटलावद
जी हाँ पेटलावद नगर में जैसे जैसे परिषद का कार्यकाल खत्म होने को है वेसे वेसे अध्यक्ष और प्रभारी सी एम ओ दोनों हाथों से बटोरने में लगे हैं, विवादो से घिरे अध्यक्ष ने नगर की हर वो छत बेचदी जो बेच सकता था साथ ही बेचना तो क्या सेटिंग के जरिये हर लीच खरीदने वाले के साथ पार्टनर शिप इसके अलावा एक छत तो खुद के रिश्तेदार के नाम से खरीद ली और लगातार बची हुई छतो को भी बेचने याने लीच पर देने की नित नये हथकंडे अपना रहा है, कई बार पब्लिक विरोध का सामना करना पड़ा और पतली गली से निकल कर भागना पड़ा l इस जुगल जोड़ी के भृष्टाचार का आलम ये आ गया है कि अब परिषद के कुछ पार्षद भी विरोध मे उतर आये हैं, पहले घटिया सड़क निर्माण के लिये पार्षद कीर्तश ने विरोध किया तो अब छतो के मामले में खुले रूप से वार्ड 5 के पार्षद कमलेश लाला चौधरी ने विरोध जताया, इस भयावह संकट और खुलती पोल या यूं कहे खुद को पाक साफ साबित करने के लिये प्रेस नोट जारी किया गया, परंतु मोटा भाई ये पब्लिक है आपकी कारगुजारीयो से पूरा नगर वाक़िफ़ है l
इस संबंध में पार्षद लाला चौधरी ने बताया कि
मुझे वार्ड नम्बर 5 की जनता ने चुना है और मै वार्ड की जनभावना का समर्थन करता हूँ वार्ड की जनता जो चाहती हैं मैं उनके साथ हुँ…. मै नगर नहीं बिकने दूँगा
मै जनता का नौकर था, जनता का नौकर हूँ, जनता के हितों की रक्षा के लिये असेंबली में लड़ता रहूँगा और मौका आया तो सड़क पर भी लडूंगा , मेरी जंग जारी रहेगी भृष्टाचारीयो के खिलाफ l
आगे शोस्यल मीडिया पर खुद पार्षद ने एक पोस्ट डालकर अपनी भड़ास निकालते हुए लिखा की
मौज_कर_दी_मोटा_भाई…. पोल तो आपकी खोलुंगा
मै वो कलम नहीं जो, बिक जाती बाजारों मे,
मै शब्दों की दीप शिखा हुं, अंधियारो चौबारों मे,
मैं वाणी का राजदूत हूँ, सच पर मरने वाला हूँ
डाकु को डाकु कहने की, हिम्मत करने वाला हूँ
मेरी कलम वचन देती है अंधियारो से लड़ने की
राजमहल के राजमुकुट के आगे तनकर अड़ने की
उस जन प्रतिनिधि का मरजाना ही अच्छा है जो खुद खुद्दार नहीं
नगर बिके मै कुछ ना बोलू मै ऐसा गद्धार नहीं ……