लो अब स्कूल वाले घरवालों से झूठ बोलना भी सिखा रहे हैं?

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@Voice  ऑफ  झाबुआ

बड़ा गेट, सुंदर बगीचा ,कांच का दरवाजा ,भव्य सुविधाजनक विशाल इमारत, स्मार्ट निजी ऑफिस, और आने जाने के लिए निजी कार,, यह सब इस धरती पर जन्म लिए भगवान स्वरूप उस महापुरुष ने आपके हाथों में इसलिए शॉपी ताकि आप इस क्षेत्र के बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा, सात्विक वातावरण में सही संस्कार प्रदान कर सकें।जो जीवन भर उनके काम आता है। क्यो की बच्चों के भविष्य निर्माण में एक अच्छे वातावरण की अहम भूमिका होती है।आप जैसा व्यवहार करेंगे, बच्चा वैसा ही सीखेगा। शिक्षक का पहला कर्तव्य है कि उसके विद्यालय का बच्चा ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, के मार्ग पर चलें।

पर ठीक इसके विपरीत क्षेत्र के बड़े निजी विद्यालय का कारनामा छुपाने के लिए विद्यालय की महिला शिक्षिका द्वारा एक बालिका को कहा जाता है कि यह सब बात अपने घर पर मत बताना यह स्कूल का मामला है स्कूल में ही देखेंगे। अपने घर पर परिजनों से इस बात का कोई जिक्र मत करना। जबकि पुलिस अधीक्षक अगम जैन द्वारा स्कूल – स्कूल जाकर छोटे बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी दी जा रही है। और साथ में यह भी कहा स्कूल ,बाजार ,और रास्ते में किसी प्रकार की कोई बात या हरकत करें तो तुरंत अपने घर पर पहुंच कर अपने माता-पिता को बताएं। पर इस स्कूल में शिक्षिका द्वारा बच्चों को शिष्टाचार का उल्टा ही पाठ पढ़ाया जा रहा है। जिससे छोटे-छोटे बच्चे के मन में गलत शिक्षा और डर का उत्पन्न होना तय है।
यह पूरी घटना।

निजी विद्यालय के गर्ल्स टॉयलेट की दीवार पर किसी बच्चे के द्वारा आई लव यू मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। और अनाप-शनाप लिखकर नीचे कुछ लड़कियों के नाम लिख दिए थे। एक फ्रेंड ने बताया तेरा नाम लिखा हुआ है। इसलिए स्कूल के बाकी बच्चे देखो देख कर हंस रहे हैं। बच्ची घबराते हुए गुस्से में जाकर देखती है।तो बात सही साबित होती है। इस बात को लेकर बच्ची महिला शिक्षिका के पास जाती है। और पूरा घटनाक्रम बताती है। जिसके बाद शिक्षिका बच्चे को लेकर एक तरफ जाकर बोलती है ।यह बात स्कूल की है। स्कूल में ही खत्म करेंगे और अपने घर वालो को इस घटना के बारे में कुछ मत बताना। डरी बच्ची ने उस दिन कुछ नहीं बताया पर अगले दिन मैडम ने वह लिखा हुआ साफ भी नहीं करवाया। तो बच्ची ने अपने पापा मम्मी को इस बारे में बताया। तो बच्ची के पालक बच्ची को लेकर सीधे स्कूल पहुंचे और प्राचार्य से इस तरह की घटना की बात करी।

प्राचार्य ने अपनी जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला।
ठीक है मे लिखा हुआ साफ करवा देता हूं। पर इसमें हम लोग क्या कर सकते हैं। इस पर पालक ने बोला सर ऐसा नहीं होता है। हम लोग बच्चों को आपके भरोसे स्कूल छोड़ ते है। क्या आप लोग टोयलेट नहीं जाते, जिस पर प्राचार्य ने कहा कि हमारा तो अलग बना हुआ। तो पालक ने कहा कि सफाई कर्मी तो जाते होंगे उनको यह सब हरकत नहीं दिखती। जब पालक ने जाकर देखा पूरे टॉयलेट में गाली गलौज और अनाप-शनाप लिखा हुआ देखा।

बवाल वाले दिन बच्ची के पिता भी पहुंचे अधिकारियों को अपनी शिकायत बताने के लिए । तो पीछे से आए प्राचार्य ने ताबड़तोड़ में हाथ पकड़कर पालक को अंदर ले जाकर शिकायत ना करने की बात कही। और हमने उस बच्चे का पता भी लगा लिया है। जिसने यह हरकत की और उसको हमने समझा भी दिया है। पर अभी आप यहां बवाल मत करो पहले से ही मामला गरम है।

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