पुलिस पुलिस पुलिस…. नाम तो सुना होगा… जो हमारी दिन रात सुरक्षा में लगी रहती है… और 24 घंटे हमारी सुरक्षा में लगी रहती है चाहे दिन हो या रात…. सर्दी हो या गर्मी… या फिर हो बारिष…. हमेषा ही हमारे लिए तत्पर रहने वाली पुलिस आज बेबस नजर आ रही रहै… आखिर क्यों… राजनेता तो आते जाते रहते है मगर सरकारी द्वारा दी हुई खाकी सेना निवृत्त होने पर ही उतरती है… ऐसे में पुलिस को अपना डंडा चलाना जरूरी है… कल रात के वाक्ये की बात करें तो कोई भी आकर थाने में गाली गलोज कर दे और मारपीट करें तो कहा तक उचित है…. दोनों वाक्ये जिले की है एक कालीदेवी का तो दुसरा झाबुआ काकृपुलिस अधीक्षक महोदय से निवेदन है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें ताकि पुलिस कर्मियों का मनोबल नही टुटे….. खाकी की भी एक अलग पहचान है…. ऐसे में अगर राजनैतिक दबाव हो या कोई भी… ये बदल जायेगे… मगर खारी एक जवान के सीने पर हमेषा रहेगी…!