खवासा, प्रद्युम्न वैरागी/रितिक परमार
अभी कोरोना सिर्फ नियंत्रण में आया है पूरी तरह गया नहीं ओर ऐसे खवासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फिर हो गया लचर, आपको बता दें कि खवासा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र व अंचल जुड़े हुए है इस लचर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकिन लंबे समय से किसी स्थायी चिकित्सक की यहां नियुक्ति नहीं हुई। आपको बता दें कि इससे पूर्व भी हमारे द्वारा स्थायी चिकित्सक की मांग के लिए प्राथमिकता से समाचार प्रकाशित किया गया था जिसके परिणाम स्वरूप डॉ. विनोद नायक की नियुक्ति की गई थी किंतु डॉ. विनोद नायक की पदोन्नति मेघनगर के बीएमओ के रूप में की गई जिसके पश्चात ही उन्होंने वहाँ का पदभार ग्रहण कर लिया और फिर से खवासा का लचर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अनाथ हो गया। आखिर क्या कारण है कि खवासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कोई स्थायी चिकित्सक नहीं उपलब्ध हो रहा।
झोलाछापों की हो रही बल्ले बल्ले
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक नहीं होने के कारण क्षेत्र की बेबस जनता को मजबूरन फर्जी झोलाछापों से अपना इलाज करवाना पड़ रहा है।
एबीवीपी ने दिया ज्ञापन
खवासा प्राथिमक स्वास्थ्य केंद पर डॉक्टरों की कमी के कारण क्षेत्र वासियो को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है ऐसे में हजारो ग्रामीण क्षेत्र की जनता खवासा प्राथिमक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे रहती है ऐसे में यहां डॉक्टर नही होना गम्भीर विषय है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद खवासा द्वारा खवासा प्राथिमक खवासा केंद्र पर डॉक्टर नही होने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर धरना दिया गया ब्लाक मेडिकल ऑफिसर अनिल राठौड़ को स्वास्थ मंत्री प्रभुराम चोधरी के नाम ज्ञापन सोपा गया, ज्ञापन में बताया कि अगर 10 दिन में खवासा में डॉक्टर की नियुक्ति नही होती है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करेगा जिसको लेकर बीएमओ ने जल्द ही डॉक्टर की नियुक्ति को अश्वासन दिया। धरना प्रदर्शन में एबीवीपी नगर अध्यक्ष साहिल मालवीय, जिला संयोजक प्रताप कटारा, जिला जनजाति कार्य प्रमुख सुनील डामोर, कॉलेज इकाई अध्यक्ष विकास भूरिया, पवन पाटीदार मनीष सेन, अंकित कहार, अंकित पाटीदार आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इनका कहना है
खवासा स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर नहीं है इसकी जानकारी हमने अपने उच्चधिकारियों को दे दी है जल्द से जल्द वहां पर डॉक्टर की नियुक्ति की जाएगी।
बीएमओ अनिल राठौड़