भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और संगठन की ताकत से निकाय चुनाव लड़ेगी, लेकिन कांग्रेस के लोग आपस में ही लड़ते रहेंगे। कांग्रेसियों की यह आपस की लड़ाई अगर जूतमपैजार तक भी पहुंच जाए, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। कांग्रेस में कोई भी निर्णय बातचीत से शुरू होकर मारपीट पर खत्म होता है और उसका अंतिम परिणाम इस्तीफा ही होता है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस नेताओं द्वारा विरोध स्वरूप दिए गए इस्तीफों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।अग्रवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में असंतुष्टि और अंतर्कलह चरम पर है और यह बात किसी से छिपी नहीं है। हर बड़ा नेता, हर गुट एक-दूसरे को नीचा दिखाने और एक-दूसरे की टांग खींचने में लगा है। शिकवा-शिकायतों और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। कांग्रेस के नेतृत्व, नीति और नीयत का स्तर इतना नीचे हो गया है कि मंडल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के पदाधिकारी कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं।आशीष अग्रवाल ने कहा कि जब भी कोई चुनाव आता है, कांग्रेस में ऐसे ही हालात दिखाई देते हैं। निकाय चुनाव में भी कांग्रेस में कई जगह ऐसी ही स्थिति दिखाई दे रही है। अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की अंतकर्लह इसलिए ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि पार्टी में दूसरी और तीसरी पीढ़ी के नेताओं को दरकिनार करके या फिर दबाकर कुछ चुनिंदा नेता ही सारे पदों पर काबिज होना चाहते हैं।