बीती रात एक विचित्र घटना देखने को मिली भाजपा और कांग्रेस के विकाश की पोल खोलती एक तस्वीर सड़को पर बेबस रोजगार की तलाश में सड़को के किनारे नजर आई ।जिसमे रोजगार की तलाश में अपने घर से निकले माता पिता और उनकी दो संतानों को बस का इंतजार करते करते नगर की दुकानों के किनारे थक कर सो जाने को मजबूर माता पिता भाजपा की अधिक से अधिक राजस्व कमाने वाली शराब बिक्री योजना के तहद नगर की कही शराब बिक्री दुकानों से शराब खरीद कर पीकर बेखौफ अपने बच्चो को सड़क के किनारे रखकर अपने सामान के साथ सोते देखकर ऐसा लगा की आजादी के इतने वर्षो बाद भी आदिवासी समाज की इस दुर्षशा का जिम्मेदार कोई भाजपा कांग्रेस जेसी राजनेतिक पार्टिया या उनके विधायक सांसद या फिर स्थानीय नेता या वो प्रशानिक अधिकारी जिनको शासन प्रशासन ने हर छोटी बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में निगरानी या उस योजना का फायदा अंतिम पंक्ति तक के व्यक्ति तक पहुंच सके ।उन तक आज तक नही पहुंचा पाए ।जिसका आज तक किसी भी राजनेतिक दल नेता चाहे कोई भी हो उन्होंने आदिवासी समाज की इस दुर्शशा की जवाबदारी नही ली जबकि यहां के सारे नेता आदिवासी ।जो कभी अपने खेत में खेत जोतने थे और जिनको खाने के लिए रोटियां तक नही थी आज उन नेताओ के पास 100 करोड़ रुपए की संपति जिसमे जमीन जायदाद , पेट्रोल पंप, स्कूले ,महंगी गाडियां ,सोने चांदी के आभूषण,आलीशान घर केसे हो गए विचारणीय है जिनको कभी खाने को रोटी नहीं थी और आज चांदी की थालियों में खाना परोस कर खा रहे है ।जिसका जवाब केसे लिया जाए ।
@दिलीप सिंह भूरिया