सुरेश परिहार
खेड़ापति हनुमान जी मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीराम कथा मैं चौथे दिन राजा दशरथ जनक जी राम भगवान एवं सीता स्वयंवर के बारे में पंडित श्री मयंक शर्मा द्वारा विस्तार पूर्वक बताएं गया पंडित जी ने बताया कि राजा दशरथ ने अपने वचन का पालन किया,मनुष्य को भी जीवन में भजन कीर्तन सत्संग में भाग लेना चाहिए मनुष्य को अपने वचन पालन करने के लिए जो त्याग करना पड़े उससे करना चाहिए पंडित जी ने कथा पंडाल में उपस्थित नारी शक्ति को सबसे महान बताया क्योंकि नारी ही ममता करुणा एवं त्याग की देवी है,सीता स्वयंवर में भक्तजनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया साथ ही पंडित जी द्वारा गाए गए मधुर भजनों पर नृत्य किया कथा पंडाल भक्तों से पूरा भरा हुआ था समिति द्वारा भक्तों को ठंडा शरबत पिलाया गया आज का सीता स्वयंवर का प्रसंग पूर्ण होने पर महा आरती उतारी गई प्रसादी का वितरण भी किया गया राम कथा के आयोजन में भक्तों की भीड़ प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।