झकनावदा श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव एवं शिव परिवार नवग्रह शनि मंदिर एवं भैरव देव प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के चौथे दिन महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 उत्तम स्वामी जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्री कृष्ण भगवान के जन्म उत्सव की कथा सुनाई। जिसमें महामंडलेश्वर श्री उत्तम स्वामी जी महाराज ने बताया कि भाद्र पक्ष कृष्ण अष्टमी तिथि की आधी रात को मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। श्री कृष्ण के जन्म की इस शुभ घड़ी का अवसर पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा था। द्वापर युग में श्री कृष्ण ने रोहणी नक्षत्र में जन्म लिया था। अष्टमी तिथि को रात्रि काल अवतार लेने का प्रमुख कारण उनका चंद्रवंशी होना है। श्री कृष्ण चंद्रवंशी चंद्रदेव उनके पूर्वज और बुध चंद्रमा के पुत्र हैं। इसी कारण चंद्रवंशमें पुत्रवत जन्म लेने के लिए कृष्ण ने बुधवार का दिन चुना है। कथा वाचक श्री उत्तम स्वामी जी महाराज ने कहा कि रोहिणी चंद्रमा की प्रिय पत्नी और नक्षत्र है। इसी कारण कृष्ण रोहिणी नक्षत्र में जन्मे। अष्टमी तिथि शक्ति का प्रतीक है। प्रश्न शक्ति संपन्न स्वमभू व परब्रह्म है। इसलिए वह अष्टमी को अवतरित हुए। कृष्ण के रात्रि कालीन में जन्म लेने का कारण यह है कि चंद्रमा रात्रि में निकलता है। और उन्होंने अपने पूर्वज की उपस्थिति में जन्म लिया। कि श्री हरि विष्णु श्री कृष्ण ने योजनाबद्ध रूप से पृथ्वी पर मथुरा पुरी में अवतार लिया। साथ ही कहा की सतगुरु की महिमा बताते हुए कहा कि सतगुरु अगर संसार में किसी को त्याग दें तो उस शिष्य का कोई ठिकाना नहीं होता। साथ ही अर्थ और स्वार्थ का महत्व बताते हुए कहा की पूरा जगत अर्थ और स्वार्थ पर आधारित है। इसके साथ ही उत्तम स्वामी जी ने अपने मधुर स्वर में भजन गाते हु बताया कि “मन भुला भुला फिर जगत में ये कैसा नाता री”इसके साथ ही भजनों पर झूमते नजर आए। इसके साथ ही कहा कि लक्ष्मी पुत्र बनने का प्रयत्न करें ना कि लक्ष्मी पति बनने का।
धूमधाम से मनाया कृष्ण जन्मोत्सव
कृष्ण जन्मोत्सव के पूर्व नगर की बालिकाओं द्वारा पूरे पांडाल को गुब्बारों से आकर्षक साज-सज्जा कर सजाया गया। तो वही नगर के युवक युक्तियां श्री राधा कृष्ण की वेशभूषा में तैयार होकर पांडाल में नृत्य करते नजर आए। कृष्ण जन्मोत्सव होते ही पूरा पांडाल हर्ष उल्लास के साथ नाचते गाते व श्री कृष्ण के जयकारे लगाते नजर आया। तो वही कृष्ण जन्मोत्सव पर खुशियां मनाते हुए बच्चों पर खिलौने चॉकलेट व मिठाई का वितरण भी किया गया।