कल छोटी पोल में एक आठ वर्षीय आदिवासी बालिका की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी ।परंतु आदिवासी ड्राइवर की पीट पीट कर और जिंदा ही आग के हवाले कर दिया गया ।जिस घटना के वीडियो वायरल हुवे जिस किसी ने भी देखा उसका ह्रदय पसीज गया ।दुनिया के सामने दूसरे समाज के लोगो ने आदिवासी समाज को क्रूर और निर्दई लोगो का समाज होने का जो दाग आदिवासी समाज के माथे पर लगाकर रखा है । उसको कल की जो घटना के वीडियो ने आखिर दुनिया के सामने साबित कर ही दिया ।की आदिवासी लोग जो किसी भी बात पर एक दूसरे का सिर काटने और छोटे मोटे विवाद में भी भेड़ बकरियों की तरह एक दूसरे की जान लेने में भी नही हिचकते ।आज इस वीडियो में जिस प्रकार दुर्घटना में बालिका की मृत्यु के बाद आदिवासी समाज के लोगो ने ही एक आदिवासी समाज के व्यक्ति की जिंदा जलाकर बली ले ली है अब इस घटना में आदिवासी समाज के हिमायती संगठनों की आवाज और बड़े बड़े पधाधिकारियो और नेताओ की आह तक नही निकली क्यों ।दुर्घटना में मरने वाली लड़की आदिवासी और दुर्घटना करने वाला ड्राइवर भी आदिवासी तथा ड्राइवर को जिंदा जलाकर मारने का प्रयास करने वाले भी आदिवासी है ।अगर सामान्य समाज का ड्राइवर होता तो थानों का घेराव होता बड़े बड़े जुलुश निकालने की घोषणा होती आदिवासी संगठनों के नेताओ का धरना प्रदर्शन की चेतावनी होती लाखो रुपयों के मुवाजे की मांग होती अपराधियो को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की जाती और उनको कड़ी से कड़ी सजा देने का भी प्रस्ताव रखा जाता परंतु एक आदिवासी संगठन दूसरे आदिवासी लोगो के लिए मुवावजे की मांग और आदिवासी अपराधियो के लिए गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग केसे करे।इसी लिए आदिवासी संगठनों के लोग आदिवासियो के नाम पर अपनी राजनेतिक रोटियां सेकने का जो प्रयास कर रहे है वह इस घटना के बाद उनका दोहरा चेहरा आइने की तरह सामने आ जाता है ।