मध्यप्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होना है जिसको लेकर प्रदेश के मुखिया लगातार दिल्ली की मैराथन कर कर रहे है और कहा तो यह तक जा रहा है कि शिव सरकार का रिपोर्ट कार्ड ठीक ठाक नही है जिस कारण जल्द ही कई मंत्रियों की छुट्टी होना सम्भावित है।
साथ ही आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए सरकार विशेष फोकस कर रही है ….किस तरह से आदिवासी वोट बैंक को भाजपा के पक्ष में किया जाए जिसके लिए किसी एक आदिवासी विधायक को प्रदेश में मंत्री पद से नवाजा जा सकता है ।क्यो की सरकार ऐसी कोई भी रिक्स लेने के मूड में नही है जहां उसे नुकसान हो वरना पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासी अंचल से भाजपा बुरी तरह पिछड़ गई थी जिसके बाद भाजपा कोई रिक्स लेने को तैयार नही है उनकी तरफ से बार बार बैठकों में यही मांग की जा रही है कि आदिवासिओ को किस तरह से भाजपा कें पक्ष में किया जा सके जो वोट में तब्दील होकर विधानसभा 2023 फतेह करवा सके …..क्यो की सत्ता का रास्ता यही से जो गुजरता है।
जानकारी के अनुसार, आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा पश्चिमी मध्यप्रदेश के हिस्से से किसी आदिवासी नेता को मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है। जोबट से विधायक सुलोचना रावत को मंत्री बनाया जा सकता है। सुलोचना रावत कुछ ही वक्त पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं और फिर भाजपा के टिकट पर जोबट उपचुनाव भी जीता। सुलोचना आदिवासी नेता हैं, इसलिए उन्हें कैबिनेट में जगह देकर आदिवासियों को साधने की कोशिश होगी। फिलहाल कैबिनेट में चार मंत्री पद रिक्त हैं। इनमें से दो विभाग महिला एवं बाल विकास और पीएचई मुख्यमंत्री के पास हैं। इस बैठक में सीएम ने शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया।