शिक्षा के मंदिर के मुखिया या युं कहे जिला शिक्षा अधिकारी साहब द्वारा विगत दिनों अपने ही व्हाटसएप पर ऐसे स्टेंटस सेट किये जो उन्हे शोभा नही देते है… और जिस पर पर है तो तो बिल्कुल नही… ऐसे में गलती स्वीकारने की बजाय साहब गलती दुसरों पर थोप रहे थे… साहब द्वारा एक नही कई गलत शब्दावली वाले स्टेटस सेट किए थे… जिसमें मां… चो… भेन… चो भी था… मगर वाॅइस आफ झाबुआ द्वारा जैसे ही इस करतुत को उजागर किया गया… तो साहब… कहते है… मेरा व्हाटसएप किसी ने हेक कर दिया था… जो कभी हो ही नही सकता… क्योंकि व्हाटसएप पर इतनी सिक्योरिटी है कि स्वंय द्वारा ही मेसेज किया जा सकता है… और व्हाटसएप ने कई सुरक्षा के हेल्प लाईन भी दी हुई थी… ऐसे में साहब ये कह रहे है कि मुझे अभी पता चला कि किसी ने कल रात मेरा व्हाटसएप हैक कर उसमें ऐसे शब्दों प्रयोग किया जो मैं सोच भी नही सकता है मैं इसका अक्षरसः खंडन करता हुं… यदि किसी को इससे दुख पहुंचा है उनसे में क्षमा प्रार्थी हु… और वाॅइस आफ झाबुआ से निवेदन करता हुं कि इसका खंडन में प्रकाशित करें। मैं इस मामले में वकील की सलाह लेकर वैधानिक कार्यवाई करूंगा… तो साहब एक बात बता दें… खंडन किस बात का… और न्यायालय के दरवाजे खुले है… आप जा सकते है… क्योंकि स्टेटस आपने सेट किए थे हमने नही… सुत्रों का तो कहना है कि उस दिन आप शराब के नशे में धुत थे… और आपके स्टेटस के स्क्रीन शाॅट सिर्फ हमारे पास नही कई लोगों के पास है… सुत्रों तो से भी पता चला है कि खिलौने घोटाले में में भी आपकी बडी भुमिका है… और प्राथमीक और हाई स्कूल में सप्लाय करने वाले एक सप्लायर से आपकी अच्छी सांठगाठ है… टेबलेट का खेल भी उसी के साथ खेला था… कई मामाले है बाद में बतायेगे…। मगर खुद की गलती दुसरों पर थोपने की बजाय… स्वयं स्वीकारें… प्रषासन को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। एक अधिकारी जिससे कई महिला कर्मी और बच्चों जुडे है अगर वो ऐसे स्टेटस देखते है तो उन्हे भी शर्मसार होना पडेगा… इसलिए जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देते हुए संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।