शिक्षा के मंदिर के मुखिया को माँ.. चो.. भेन.. चो… शोभा नही देता साहब…!
महिला शिक्षिकाएं भी आपके स्टेट्स देख हुई शर्मसार
ऐसी शब्दावली से क्या बच्चो पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा..?
साहब की गंदी शब्दावली के स्टेट्स के स्क्रीन शॉट हुवे वाइरल
झाबुआ। क्या शिक्षा के मंदिर के मुखिया गलत शब्दावली का प्रयोग करे तो शिक्षा के क्षेत्र में बुरा ही असर पड़ेगा…ऐसे में शिक्षा देने और लेने वाले क्या सही शिक्षा दे पाएंगे और ग्रहण करने वाले ग्रहण कर पाएंगे…
जी हां .. हम बात कर रहे है जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ परियोजना समन्वयक की… सूत्र बताते है कल रात्रि में शराब के नशे में इनके द्वारा अपने ही मोबाइल पर आपत्ति जनक स्टेट्स व्हाट्सएप पोस्ट किए जिसके स्क्रीन शॉट वाइरल हो गए। ये वही परियोजना समन्वयक है जो स्वयं को जिला शिक्षा विभाग का मुखिया बताते है। बात यहाँ तक नही थमती है ये अपने से बड़े बड़े नेताओं से निजी संबंध होने का हवाला भी देते है. ओर लोगो को डरते धमकते रहते है… ।
कल रात्रि में। उक्त महोदय इतने बहक गए थे कि एक के बाद एक लगातार अशोभनीय स्टेट्स खुद के व्हाट्सएप पर सेट करते रहे.. जिसमे उक्त महोदय माँ बहन भी कर रहे थे… ये महोदय शिक्षा विभाग के प्रमुख है इस वजह से जिले की कई शिक्षिकाओं एवं बच्चों ने भी इन स्टेट्स को देखा होगा… तो क्या ये शब्दावली जिले के शिक्षा विभाग के मुखिया को शोभा देती है… ओर इससे बच्चों पर भी कु प्रभाव पड़ना तो तय है. साहब निजी विवाद इस तरह से शोशल मीडिया पर नही डालते है.. आपकी वजह से कितनी महिलाओं को शर्मसार होना पड़ा होगा.. जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देते हुवे करवाई तो करनी चाहिए ताकि इस तरह से एक उच्च पद पर बैठ कोई इस तरह की हरकत न कर सके.. कलेक्टर महोदय इसे संज्ञान में जरूर ले।