11 साल के अकशान ने रमज़ान माह में रखे 30 दिन के रोजे
ईद के दिन नानी ने ईदी और दुआओ से अकशान को नवाजा
झाबुआ – रमजान के पाक माह में घरों की दिनचर्या बदल गई थी। बड़े बुजुर्ग तो रोजा रख ही रहे थे, बच्चे भी पीछे नहीं है। रमजान का रोजा बड़ों के साथ-साथ मासूम बच्चे भी रख रहे हैं। इस भीषण गर्मी के मौसम में भी रमजान में कई बच्चों का यह पहला रोजा रखा तो कई बच्चों ने पूरे महीने रोजे रखे। तपती धूप और गर्मी से बेपरवाह बच्चों ने अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत बर्दाश्त कर समाज और दुनिया की खुशी के लिए खुदा की दुआ की।
झाबुआ के मारुति नगर में हूड़ा स्कूल के सामने रहने वाले मोहम्मद सादिक के 11 वर्षीय बेटे अकशान ने रमजान माह के पवित्र महीने में 30 रोजे रख कर अल्लाह की इबादत की। भीषण गर्मी के इस मौसम में भी अकशान ने इबादत गुजारी में कोई भी कमी नहीं रखी। रमजान माह के पूरे महीने मैं ताराबीह पढ़ने और रोजे रखने पर घर के बुजुर्गों व अकशान की नानी ने ईदी और दुआओं से नवाजा।