एक बार फिर मिशन स्कूल का छात्र परीक्षा के दबाव में अपनी जान से हाथ धो बैठा l आखिर मिशन स्कूल के ही छात्र परीक्षा के इतने दबाव मे क्यो रहते है कि अपनी जान तक से हाथ धोने को मजबूर हो गया l पहले भी इस स्कूल की छात्रा कोचिंग पर खुद खुशी कर चुकी थी l इस छात्र की मृत्यु ने स्कूल प्रबंधन पर भी कई सवाल खड़े कर दिये है क्या स्कूल मे इस प्रकार का माहौल रहता है कि छात्र का सफल होना ही जरूरी है, बहुत सारे प्रश्नो के जवाब मिल ही नहीं पाएंगे और मिल भी गए तो भी इस छात्र की जिंदगी नहीं मिल पायेगी l मामला कक्षा 11 वीं के 16 साल के छात्र ने रविवार को दोपहर सिद्धेश्वर कॉलोनी स्थित अपने घर पर फाँसी का फन्दा लगाकर आत्महत्या कर ली । घटना के समय घर पर माता – पिता और दादी नहीं थे । वे तीनों अपने गांव खरडू गए हुए थे । घर में छोटा भाई और इसी मकान के दूसरे हिस्से में काका का परिवार था । मृतक बालक केयूश पिता जसवंत चौहान है । वो काफी देर कमरे से नहीं निकला तो दोपहर 12 बजे छोटे भाई ने कमरे में जाकर देखा । केयूश फंदे पर लटका दिखाई दिया । परिजन और पड़ोसियों की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया , जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया । परिवार के लोगों ने बताया , 15 दिन पहले उसका 11 वीं का रिजल्ट आया था । कॉमर्स विषय से पढ़ाई कर रहे केयूश को एक विषय में सप्लीमेंट्री आई थी । परिजन ने बताया , 15 दिन पहले रिजल्ट आया , तभी से वो काफी उदास था । घर में चुप बैठा रहता था और दूसरे बच्चों के साथ खेल भी नहीं रहा था । उसे बार – बार समझाया भी कि तनाव में न रहे , लेकिन उस पर असर नहीं हुआ । वो सामान्य हो रहा था । दो – तीन दिन में पेपर होने वाला था । अपनी परेशानी उसने किसी को बताई भी नहीं । उसे क्लास में मजाक उड़ाए जाने का भी डर था । लेकिन किसी को नहीं पता था कि वो इतना बड़ा कदम उठा लेगा । घटना के बाद से परिजन का रो – रोकर बुरा हाल है । केयूश के दादा स्वर्गीय फतेहसिंह चौहान के घर नवरात्रि में माताजी का दरबार लगता था । उनके यहां हजारों की संख्या में शहरी और ग्रामीण लोग इस दौरान दर्शन के लिए आते रहे हैं । उनके निधन के बाद केयुश के पिता जसवंत चौहान उनकी गादी संभालते हैं । दोनों नवरात्रि पर उनके यहां लोग जमा होते हैं । घर वालो का कहना है कि हमारी तरफ से कभी बच्चे को पढाई के प्रति कोई दबाव नहीं डाला जाता है शायद स्कूल के दबाव में आकर हमारे बेटे ने इतना बड़ा कदम उठा लिया उसके बिना अब हम केसे जियेंगे फैल हो भी गया था तो अगले साल परीक्षा तो फिर भी देकर पास हो जाता पर क्या अब फिर जिंदगी मिल पायेगी? कभी नहीं l