गरीबो पर जुल्म ढाने वाले मान साहब आखिर क्यों खुद पर बीती तो कर गए समझौता

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खाकी वाले कि उंगली काट लेना मतलब….. खाकी पर वार…?

क्या खाकी की कोई इज्जत नही है …??

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जिला मुख्यलय के समीप एक ऐसा थाना है जहाँ मान साहब के खूब चर्चे है मांन साहब ही वहां का पूरा थाना चला रहे है टी साहब नए है और थोड़े सौम्य स्वभाव के तो साहब को अंधकार में रख बहुत से खेल इस थाने पर होते रहते है ……मान साहब गरीब आदिवासीयो की भांजिगढ़ी करने में।इतने माहिर है कि उन्हें अपने जाल में ऐसे ही आराम से फसा लेते है ओर जमकर तोड़ के नाम पर उन्हें लूटा जाता है …..क्यो की यह अब इन्हें रोकने वाला कोई हर नही तो साहब अपने मन की ही करेंगे ….

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अभी दो चार दिन पहले एक संगठन से मांन साहब का पाला पड़ा था जिसमे वहां पर बहस बाजी ओर किसी मामले में विवाद हो गया और साहब की उंगली तक दांतो से काट ली जिसके बाद मामले ने तूल लिया मामला थाने तक आया और सरकारी कार्य मे बाधा डालने का केस दर्ज करने की तैयारी भी हो गई तभी उस थाने पर संगठन के लोग भारी तादाद में जमा हो गए और राजनेता से लेकर संगठन का इतना प्रेशर आने लगा यहां तक कि दोनों पक्षो की ओर से क्रॉस रिपोर्ट करने की बात आई जिसमे मान साहब के खिलाफ एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज करवाने की तैयारी हुई तभी मांन साहब सकते में आ गये ओर लग गए मामला रफा दफा करने तभी टी साहब को आगे किया और मामले में दोनों पक्षो को बीच मे बिठाकर मामला रफा दफा कर दिया न हम आपके खिलाफ कार्यवाही करेंगे न आप हमारे खिलाफ कुछ कार्यवाही करेंगे ………ऐसे मे अब सवाल उठता है कि क्या खाकी की कोई इज्जत या मान मर्यादा नही है अगर है तो मांन साहब ने खाकी की इज्जत क्यो नही बचाई क्यो खाकी वाले कि उंगली काटने वाले को बख्शा यह बड़ा सवाल है अभी कोई गरीब आदमी होता तो साहब उस पर न जाने कितनी धाराए ठोंकते …..खेर यह तो अब पुलिस विभाग को सोचना है कि खाकी पर इस तरह हमले हुए ओर इस तरह समझोते हुए तो जनता का विश्वास आप लोगो पर से उठ जाएगा….

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यह वही मान साहब है जो लोगो को ज्ञान ज्यादा पेलते है और जब खुद पर आती है तो सारा ज्ञान उल्टा पड़ जाता है ……

.अभी भी वक्त है मांन साहब जिस थाने पर आप पदस्थ है कम से कम वहां की जनता की थोड़ी बहुत तो सुनवाई ईमानदारी से कर ही लो जब भी यहां से विदाई लोगे तो लोग याद करेंगे नही तो वही विदाई आपको भी मिलेगी जो कई थानेदार विलुप्ति में ले गए है …..हम तो सच लिखते है और लिखते रहेंगे चाहे मिर्ची लगे तो लगे..तो आओ  हम सब पता लगाएं कोन है मांन साहब

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