लक्की राठौड़
बरवेट नगर में महिलाओं ने परंपरानुसार शीतला सप्तमी का पर्व मनाया। नगर में स्थित एकमात्र शीतला माता मंदिर में महिलाओं ने अपने-अपने घरों से ठंडा भोजन लाकर माता को भोग लगाकर विशेष पूजा अर्चना की। पूजन रात से प्रारंभ होकर गुरुवार सुबह तक जारी रहा। इस दिन घरों में एक दिन पूर्व बनाया गया बासी भोजन लाकर माता को भोग लगाया जाता है। बड़ी संख्या में महिलाओं ने घंटों लाइन में लगकर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। सभी ने अपने परिवार की खुशहाली, सुख-समृद्धि व निरोगी काया की कामना की।
कहा जाता है कि इस दिन शीतला माता को बासे भोजन का भोग लगाया जाता है, जिसके कारण लोग इसे बसौड़ा पूजा भी कहते हैं। इस पूजा में मान्या है कि सप्तमी की रात को ही हलवा और पूरी का भोग बना लिया जाता है, जिसे अष्टमी के दिन माता को अर्पित करते हैं। इस दिन कुछ जगहों पर हलवा पूरी तो कुछ जगहों पर चावल की खीर और कई जगहों पर गन्ने के रस में खीर बनाकर माता को अर्पित किया जाता है। इस पूजा में बासी भोग का खास महत्व है। माता को चढ़ाएं चढ़ाए जाने वाले सभी भोग को छठ की रात को ही तैयार कर लिया जाता है।