निर्मल मोठिया
नगर के मध्य स्थित भक्त संत मलूकदास की प्राचीन धरोहर नृसिंह.ऋषभदेव मन्दिर जैन एवं सनातन धमार्वलिम्बयों की आस्था का केन्द्र होकर जीणोर्द्धार की राह देख रहा था मंदिर जिणोऱ़्द्धार को लेकर विगत पन्द्रह वषोर् से दोनो समुदायों के मध्य विवाद चला आ रहा था। जो अब आपसी सहमति से सुलझता नजर आ रहा है उल्लेखनीय है कि मन्दिर के निमार्ण को लेकर वषर् ण्2012 में अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अध्यक्षता में सवर्समाज की बैठक में यह निणर्य लिया गया था की नव निमार्ण के दौरान इसके मूल स्वरूप में किसी प्रकार का परिवतर्न नही किया जावेंगा और नृसिंह एवं ऋषभदेव की प्रतिमाॅओं को समान आसन ए समान शिखर के साथ मूल स्वरूप में मूल स्थानों पर स्थापित किया जावेंगा तथा मन्दिर का मुख्य द्वार उत्तर में रखने के साथ ही एक व्द्वार पूवर् दिशा में भी रखा जावेंगा। बैठक मे लिये गये निणर्य के विपरीत निमार्ण कायर् होने से न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी थांदला व्दारा स्थगन आदेश प्रसारित कर निमार्ण कायर् रूकवा दिया था। तभी से मंदिर निमार्ण अवरूद्ध होकर विगत दस वषोर् से दोनो समुदायों के मध्य विवाद का विषय बना हुआ था। जैन मुनि पियुषचन्द्रविजय की पहल के परिणाम स्वरूप गत तीन माह से जैन एवं सनातन धमार्वलम्बियों में मन्दिर निमार्ण को लेकर लगातार चचार्ओं का दौर चलता रहा। चित्तौडगढ में विराजित जैन मुनि पियुषचन्द्रविजयए जनकचन्द्रविजय मण्साण् व जिनचन्द्रविजय मण्साण् व्दारा आमंत्रित करने पर मूतिर् पूजक जैन समाज के प्रतिनिधी प्रफुल पोरवाल व कमलेश जैन दायजी एवं सनातन धमार्वलिम्बयों की और से प्रतिनिधिमण्डल मे अशोक अरोराए गगनेश उपाध्यायएलक्ष्मण राठौडए विनित शमार्ए दिलीप डामोरए मनोहर परिहारए जितेन्द्र राठौडए रोहित बैरागीए धवल अरोरा ने भेंट कर मन्दिर निमार्ण के नक्शे एवं माॅडल को प्रोजेक्टर के माध्यम से समझा जो की सवर्समाज के निणर्यानुसार होने से दोनो पक्षों के मध्य सहमती स्वरूप नक्शे को स्वीकृति दी गई । इस अवसर पर जैन मुनि ने अपने आशीर्वचन में कहाॅं की भक्त संत मलूकदास सिद्ध महान संत थे उन्होने दिपमालिका के सामने जिस भावना से दोनो समाजों की एकात्मता के लिये मन्दिर का निमार्ण किया था उसके मूल स्वरूप को ध्यान में रखतें हूए मन्दिर का निमार्ण पूज्य गुरूदेव ऋषभचन्द्रविजय जी मण्सा के संकल्प स्वप्न अनुसार किया जावेगा। मन्दिर के निमार्ण से नगर की सुख शांति एव समृद्धि में वृद्धि होगी । उक्त सहमती पर नरसिंह भक्त मंडल के संरक्षक नारायण भट्टए कल्लाजी धाम के गादीपति गिरीश धानकए हनुमान मंदिर बावडी के महंत नारायण दास शांति आश्रम के महंत सुखराम दास आदि ने निणर्य का स्वागत कर इसे नगर हित मे निरूपित किया।