आओ हम सब मिल कर पता लगाते कौन है ये उगाही करने वाले व्यापारी जिनकी रग रग में भरी है चापलुसी और अपने हितों को साधने के लिए आदिवासी के नाम पर उगाही कर रहे है। सुना है झाबुआ में आदिवासी उत्सव आज मनाया जा रहा है… जिसके लिए शासन द्वारा लाखों रूपयें आवंटित किए गए है… ताकि उत्सव में किसी भी प्रकार की कमी पेषी न आये… मगर मठाधिष बने उगाही करने वाले व्यापारियों ने झाबुआ नगर में आदिवासी उत्सव के नाम पर लाखों रूपयें व्यापारियों से वसुले जा रहे है… ये उगाही करने वाले व्यापारी छोटे से बडे व्यापारियों के पास… कलेक्टर व एसपी का नाम लेकर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए रूपयों की मांग कर रहे है… जिसकी न रसीद दे रहे है…. और न ही कोई आंकडा सुनिष्चित है… जितना ज्यादा हो…. उतना इनकी जेब में जायेगा…. बस इसी वजह से आज ये आदिवासियों के नाम पर उगाही करने वाले आदिवासी वेषभुषा में कलेक्टर व एसपी के आगे पीछे घुम रहे थे… ताकि व्यापारी देख ले कि हमने जो उगाही की… वो इनके लिए की… सवाल तो ये उठता है आदिवासियों के नाम पर ये कब तक कमा कर खायेगे…. जो लोग आदिवासियों को कभी अपने घर के बाहर बैठने नही देते वो आज आदिवासी वेषभुषा में थिकरते नजर आ रहे है….. पर ये पब्लिक है सब जानती है… जो दोस्तो आओ हम सब मिल कर पता लगाते है…. कौन है ये उगाही करने वाले व्यापारी…?