नंदुरबार जिले के अकलकुआ तहसील के काठी में आदिवासी सांस्कृतिक परंपरागत रुढ़ी प्रथा महापंचायत आयोजित हुई, जिसमे मध्यप्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र के आदिवासी कार्यकर्ता शामिल हुए
सतपुड़ा क्षेत्र में नंदुरबार जिले के अकलकुआ तहसील के रजवाड़ी स्टेट काठी में आयोजित आदिवासी सांस्कृतिक परंपरागत रुढ़ी- प्रथा महापंचायत की बैठक में आदिवासी समाज की पहचान, आदिवासी संस्कृति, पहनावा, बोली भाषाएं, परंपराएं, रीति-रिवाज, पूजा पद्धति और आदिवासी जीवनशैली को बचाए रखने के लिए गहन चिंतन और विचार विमर्श किया गया । आदिवासी संस्कृति और आदिवासी जीवनशैली का मिटना दुनिया के लिए चिंता का विषय है। यह बात विश्व के बुद्धिजीवी और चिंतकों भी अच्छी तरह जानते हैं और इस बात का स्विकार भी करते आ रहे हैं। आदिवासी जीवन शैली दुनिया के समस्त मानव समुदाय को समग्र जीव सृष्टि को स्वस्थ और दीर्घकालिन जीवन जीने की सीख देती हैं। आदिवासी बचेगा तो हीं दुनिया बचेगी की बात पर चर्चा की गई, आदिवासी को बचाने के लिए आदिवासियों की संस्कृति और आदिवासी जीवन शैली बचाना आवश्यक है कि बात पर भी विचार विमर्श किया गया था।
इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए थे। आदिवासी सांस्कृतिक परंपरागत रुढ़ी- प्रथा महापंचायत की बैठक में नागेश पाडवी (भारतीय जनता पार्टी के आदिवासी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष महाराष्ट्र), कांग्रेस जिला पंचायत सदस्य सीके पाडवी, शिवसेना नेता और काठी राज्य के आदिवासी रजवाड़ी परिवार के वंशज पृथ्वीसिंह पाडवी, वकील हिरेसिह पड़वी (राष्ट्रवादी पार्टी), एसी भारत के डा.दिलवरसिंह वसावे, और आदिवासी एकता परिषद नंदुरबार जिला सचिव एडवोकेट अभिजीत वसावे, पोलीस पटेल उमेश वसावे, जैलसिंह पावरा, स्थानिय कार्यकर्ता करमसिंह पाडवी काठी गांव के युवा सरपंच सहित आदिवासी एकता परिषद के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष मध्यप्रदेश से केरम जमरा,आदिवासी एकता परिषद के युवा अध्यक्ष प्रेमचंद सोनवणे, मध्यप्रदेश से आदिवासी गीतकार एवं वीडियो निर्माता रोहित पड़ियार, गुजरात से शनियाभाई राठवा (कवांट), कांति भाई राठवा (खडला, कवांट), छोटा उदयपुर से भायाभाई राठवा और सामाजिक कार्यकर्ता वालसिंहभाई राठवा भी मौजूद रहकर अपने विचार रखे थे।