दुल्हन की तरह सज धज कर महिलाओं ने किया मां दशा का व्रत
मधु कन्या नदी के तट पर स्थित पीपल हाटवाड़ा चौक पर महिलाओं ने किया विधि विधान के साथ दशा माता व्रत
पियुष राठौड झकनावदा
आज दशा माता वाले दिन यानी चैत्र कृष्ण पक्ष दशमी के दिन खराब मौसम होने के कारण चलती बारिश मे भी नगर की सुहागिन महिलाएं दुल्हन की तरह तैयार होकर शुभ मुहूर्त मैं मां दशा का व्रत रखकर पूजा की थाली अपने हाथों में लेकर अपने पति के लिए लंबी उम्र एवं अपने घर- परिवार की उत्तम दशा, सुख, शांति बनी रहे इसके लिए पीपल की परिक्रमा कर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की , दशा माता व्रत के 2 – 3 दिन पूर्व महिलाएं व्रत-पूजन करके गले में एक खास डोरा (पूजा का धागा) पहनती है, ताकि घर-परिवार में सुख-समृद्धि, शांति, सौभाग्य और अपार धन संपत्ति बनी रहे। इस व्रत में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं। इस दिन झाड़ू आदि खरीदने की परंपरा भी प्रचलित है। यह व्रत करने से सभी तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है दशा माता व्रत वाले दिन यानी चैत्र कृष्ण दशमी तिथि को सुहागिन महिलाएं कच्चे सूत का 10 तार का डोरा लेकर, उसमें 10 गठानें लगाती हैं, और पीपल की पूजा करती हैं। पीपल की छाल अपने हाथ की उंगली से निकालती है जिससे कि घरों में लक्ष्मी की वृद्धि होती है| प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी श्रीमती अनिता जोशी के द्वारा दशा माता कथा का श्रवण सभी महिलाओं को बारी- बारी से कराया गया तथा कथा सुनने के बाद छोटी महिला अपने से बड़ी महिलाओं के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करती है | और घरों में प्रवेश के पहले अपने आंगन के बाहर अपने हाथों से स्वस्तिक एवं हाथ के छापे बनाए जाते हैं जो शुभ माने जाते हैं