अक्षय चौहान खवासा
खवासा में शीतला सप्तमी को लेकर प्रजापति समाज द्वारा मंदिर की साज सज्जा एवम लाइटिंग की गई थी। महिलाओं ने शीतला सप्तमी पर देर रात्रि से ही पूजा-अर्चना कर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना के लिए सोलह श्रृंगार किया,थाली में ठंडा भोजन सजाया और शीतला माता मंदिर में माता को ठंडे भोजन प्रसादी का भोग लगाया, विधि-विधान से शीतला माता की पूजा की।
मान्यता है कि एक दिन पूर्व रात में खाना बनाकर सुबह माता शीतला की पूजा-अर्चना कर भोग लगाने से माता प्रसन्न् होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
इसके लिए महिलाएं एक दिन पूर्व से तैयारियों में जुट जाती हैं। महिलाएं पूजा के लिए कई प्रकार के व्यंजन बनाती हैं। इसके बाद सुबह नए वस्त्र पहनकर सभी व्यंजनों को थाली में सजाकर पूजा स्थल पहुंचती हैं। वहां माता की विशेष पूजा-अर्चना कर अपनों से बढ़ों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेती हैं।
प्रजापत समाज ने निकाला जुलुश
शीतला सप्तमी के अवसर पर प्रजापति समाज द्वारा शाम को बैंड बाजे के साथ बग्गी में माता जी की तस्वीर रख एवम माता जी के वेश धारण कर बालिका को बैठाया था जो की आकर्षक का केंद्र था। जुलुश शीतला माता मंदिर से प्रारंभ हुआ जो जैन मंदिर,नीम चौक,डारिया चौक,राम मंदिर,गणेश मंदिर,हनुमान चौक होते हुए वापस शीतला माता मंदिर पहुंचा। जुलूस में महिला एवं पुरुष गुलाल उड़ाते हुए नाचते हुए चल रहे थे। नगर में प्रथम बार शीतला सप्तमी के अवसर पर प्रजापति समाज द्वारा जुलुश निकाला गया था।