@वॉइस ऑफ झाबुआ
स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर मध्य प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक हर कोई सतर्क कहने की बात कर रहा है,वही स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर अब पंचायत भी जागरूक हो चुकी है,परंतु जिले की बामनिया पंचायत स्वच्छता के मामले में फिसड्डी साबित होती जा रही है,मामला बामनिया के डाक बंगले के समीप ही मांस मटन की दुकान से जिसमे से मांस मटन की दुकान से मृत जानवरों के अपशिष्ट और अन्य बदबूदार मटेरियल को बाहर ही फेंक दिया जाता हे जिसको अन्य जानवर उक्त खराब मेटेरियल को स्कूल के परिसर में ले जाकर खाते है और वही छोड़ देते हे जिससे स्कूल में पढ़ने वाले छात्राओ को बदबू का सामान करना पड़ता हे साथ ही स्कूल स्टाफ भी चिंतित हे,वही बदबू को लेकर छात्राओ को मास्क या दुपट्टे का उपयोग करना पड़ता है क्योंकि उक्त मांस मटन की दुकान से लगभग 40फिट दूरी पर ही स्कूल है,इसलिए आए दिन छात्राओ को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है जो नियम विरुद्ध भी है,ज्ञात हो की पहले भी मांस मटन की दुकानों से निकला खराब अपशिष्ट कचरा व मटेरियल को 15 से 17 बेजुबान जानवर द्वारा खाने से उनकी मोत होगई थी।
पूर्व में भी हुई थी शिकायत,परंतु निराकरण आज तक नही
उक्त मामले को लेकर दो वर्ष पूर्व में भी बामनिया निवासी भरत कालूराम डामर द्वारा एक आवेदन 25/3/2021 को पेटलावद अनुविभागीय अधिकारी को दिया गया था जिस पर स्थानीय पंचायत द्वारा कार्यवाही नहीं होते हुए कन्या स्कूल की छात्राओ को अस्वस्थ होने के लिए छोड़ दिया गया।
डाक बंगले के पास हो रही मांस दुकान हटाने को लेकर पुनः दिया आवेदन
डाक बंगले के पास मांस मटन की दुकान से मृत जानवरों के अपशिष्ट पदार्थ से छात्राओ और आने जाने वाले राहगीरो को बदबू का समाना पड़ता हे,डाक बंगले से हो रही अपशिष्ट पदार्थों के अस्वच्छता से स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव पड़ सकता है,उसी को लेकर एक बार पुनः नगर के आमजन द्वारा एक ज्ञापन थाना प्रभारी के नाम पर दिया गया मांस मटन की दुकान बंद करने को लेकर कहा गया साथ ही लिखा गया की मांस मटन विक्रेता को कुछ कहा जाता हे तो गुंडा गर्दी और दादागिरी भी करते है साथ ही उक्त आवेदन की प्रतिलिपि जिला कलेक्टर,एसडीओ पेटलावद,तहसीलदार और एसडीओपी को भी दी गई हे जिसमे आवेदक द्वारा स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओ और राहगीरों की गंभीर समस्या को देखते हुए तत्काल बंद करते हुए अन्यत्र जगह लगाने की बात कही है।
एसडीओ का आदेश भी घोल कर पी गए सरपंच और सचिव
पूर्व में इसी गंभीर समस्या को लेकर नगर के भरत डामर द्वारा एक आवेदन 25/3/2021 को एसडीओ पेटलावद को दिया गया था जिस पर जल्द ही पेटलावद कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी द्वारा 31/3/2021 को एक आदेश बामनिया पंचायत और सचिव को दिया गया जिसमे मटन मछली और शराब दुकान को हटवाने हेतू दिया था परंतु बामनिया सरपंच और सचिव इस आदेश को भी घोल कर पी गए,आखिर क्यों बामनिया पंचायत को कन्या स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओ और राहगीरों की समस्या को नही देखा जा रहा है?आखिर पंचायत सरपंच और सचिव को ऐसा क्या फायदा मिल रहा हे जो दो बार आवेदन देने के बाद भी कोई कठोर कार्यवाही नही कर रहे है?इसका मतलब ये हे की नगर की पंचायत इस मामले में अंधी और बहरी बन चुकी है।