क्या सरकार विरोधी है नगर पालिका के कर्मी…?

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@वॉइस   ऑफ   झाबुआ

क्या शासन के नियमों का पालन न कर राजस्व को नुकसान पहुंचाना अपराध नही है…? एक छोटी सी राजस्व या फिर कहें शुल्क जो सरकार तक पहुंचता है… वो छोटी सी रकम प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाती है…. अगर नियमों का पालन न कर राजस्व को नुकसान पहुंचाना अपराध नही है तो… झाबुआ नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों का फुल मालाओं से सम्मान करना चाहिए… क्योंकि वो एक ऐसे ठेकेदार को पर कार्रवाई नही कर रहे है जो नगर पालिका संपत्ती को नुकसान पहुंचे के साथ नगर की जनता से छल कर उनसे नल कनेक्शन को शुल्क ले रहा है जो नगर पालिका के पास पहुंच ही नही रहा है… नगर पालिका कर्मी उस ठेकेदार को रंगे हाथ भी पकडते है लेकिन उस पर कार्रवाई नही करते बल्कि जिन लोगों के साथ ठेकेदार ने छल किया उन्हे पहले नोटिस जारी कर देते है।जी हां… हम बात कर रहे है वार्ड क्रमांक 11 … क्षेत्र कि जहां एक ठेकेदार ने बिना झाबुआ नगर पालिका को सुचना दिया… और न ही नगर पालिका का शुल्क भरवाए… 100 से अधिक 126 के लगभग नल कनेक्शन कर डाले… और प्रत्येक नल कनेक्शन के ठेकेदार द्वारा 2 हजार रूपये लिए गए… जो नगर पालिका तक पहुंचे… सीधे ठेकेदार की जेब में गए…. जिसकी शिकायत मौखिक तौर पर नगर पालिका के जिम्मेदारों को की गई थी… जिसके बाद नगर पालिका इंजिनियर धीरेन्द्र रावत मौके पर पहुंचे… और अवैध नल कनेक्शन करते हुए पाए भी गए ठेकेदार से कहासुनी भी हुई… कनेक्शन करने वाली सामग्री भी जप्त की गई… लेकिन सुत्रों की माने तो दलाल नगर पालिका पहुंचे… और मामले को दबाया गया… और ठेकेदार पर कार्रवाई करने की बजाय जिन लोगों के नल कनेक्शन किए गए उन्हे नोटिस दिया गया… अब सवाल यह उठता है कि पहले तो नगर पालिका के आलाअधिकारियों को ठेकेदार पर कार्रवाई करनी थी वो नही की? दुसरा सवाल ये है कि 100 से अधिक नल कनेक्शन होना मतलब साफ है ठेकेदार ने नगर पालिका का हवाला दिया होगा… और नगर पालिका के कर्मी और पार्षद भी इस काले कारनामें में शामिल होंगे?तभी तो इतने नल कनेक्शन हुए…?

होना चाहिए मामला दर्ज

नल कनेक्शन की प्रक्रिया व शुल्क अलग ही है…ऐसे में बिना नगर पालिका को संज्ञान में लाए… और नगर पालिका के अधिकृत भी नही होने के बावजुद इस तरह का कृत्य करना अपराधी की श्रैणी में आता है… ऐसे में ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए नगर पालिका को ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए। ताकि आगे कोई इस तरह से सरकार के राजस्व को चुना न लगा सके।

कलेक्टर महोदया दे ध्यान…

ठेकेदार पर कार्रवाई न कर पहले लोगों को नोटिस देना कहीं न कहीं… नगर पालिका की अनियमित्ता नजर आ रही है…नगर में 1300से ज्यादा अवैध कनेक्शन हो गए इस पर भी कलेक्टर महोदय को ध्यान देना पड़ेगा,नगर में जनचर्चा है व सुत्रों का भी कहना है कि नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी सरकार विरोधी है…तभी तो नगर पालिका की संपत्ती को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ राजस्व का भी नुकसान हो रहा है लेकिन यहां के जिम्मेदारों को कोई फर्क नही पड रहा है,ऐसे में कलेक्टर महोदया रजनी सिंह ही है जो राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई कर सकती है,एक वो ही है जो जिले के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहती है और भ्रष्टाचार करने वाले, कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वालों पर नकेल कसती है।

इतना कहना है

कार्रवाई मेरे द्वारा ही की गई थी, सामग्री भी जप्त ही…लोगों को नोटिस देकर जवाब मांगा है।

धीेरेन्द्र रावत
इंजिनियर नगर पालिका झाबुआ

जांच चल रही है दोषी पाए गए तो कार्रवाई होगी।

जितेन्द्र सौलंकी
प्रभारी सीएमओ
नगर पालिका झाबुआ

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